नोटबंदी की वैधानिकता पर आज आ सकता है सुप्रीम कोर्ट का फैसला : 10 बड़ी बातें

केंद्र के नवंबर 2016 के 1,000 रुपये और 500 रुपये के करेंसी नोटों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुना सकता है. सरकार के इस कदम ने रातों-रात 10 लाख करोड़ रुपये सर्कुलेशन से वापस ले लिए थे.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
साल 2016 में नोटबंदी का ऐलान किया गया था

केंद्र के नवंबर 2016 के 1,000 रुपये और 500 रुपये के करेंसी नोटों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुना सकता है. सरकार के इस कदम ने रातों-रात 10 लाख करोड़ रुपये सर्कुलेशन से वापस ले लिए थे.

  1. उच्चतम न्यायालय द्वारा वर्ष 2016 में 1,000 रुपये और 500 रुपये के नोटों को बंद करने संबंधी सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार को अपना फैसला सुनाए जाने की संभावना है.
  2. न्यायमूर्ति एस. ए. नजीर की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ इस मामले पर अपना फैसला सुना सकती है.
  3. उच्चतम न्यायालय की सोमवार की वाद सूची के अनुसार, इस मामले में दो अलग-अलग फैसले होंगे, जो न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना द्वारा सुनाए जाएंगे.
  4. न्यायमूर्ति नजीर, न्यायमूर्ति गवई और न्यायमूर्ति नागरत्ना के अलावा, पांच न्यायाधीशों की पीठ के अन्य सदस्य न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमण्यन हैं.
  5. उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को सात दिसंबर को निर्देश दिया था कि वे सरकार के 2016 में 1000 रुपये और 500 रुपये के नोट को बंद करने के फैसले से संबंधित प्रासंगिक रिकॉर्ड पेश करें.
  6. पीठ ने केंद्र के 2016 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी, आरबीआई के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदम्बरम तथा श्याम दीवान समेत याचिकाकर्ताओं के वकीलों की दलीलें सुनी थीं और अपना फैसला सुरक्षित रखा था.
  7. Advertisement
  8. एक हजार और 500 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले को ‘गंभीर रूप से दोषपूर्ण' बताते हुए चिदंबरम ने दलील दी थी कि केंद्र सरकार कानूनी निविदा से संबंधित किसी भी प्रस्ताव को अपने दम पर शुरू नहीं कर सकती है और यह केवल आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड की सिफारिश पर किया जा सकता है.
  9. वर्ष 2016 की नोटबंदी की कवायद पर फिर से विचार करने के सर्वोच्च न्यायालय के प्रयास का विरोध करते हुए सरकार ने कहा था कि अदालत ऐसे मामले का फैसला नहीं कर सकती है, जब ‘बीते वक्त में लौट कर' कोई ठोस राहत नहीं दी जा सकती है.
  10. Advertisement
  11. सुप्रीम कोर्ट में विवेक नारायण शर्मा की पहली याचिका सहित कुल 58 याचिकाएं दाखिल की गई थीं. जस्टिस सैयद अब्दुल नजीर, जस्टिस भूषण आर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस वी रामसुब्रमण्यन और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा था कि हमें संतुष्ट होने दें.
  12. अटॉर्नी जनरल ने कहा था कि सरकार के हलफनामे में अधिकतर जानकारी लिखी हुई है, लेकिन फिर भी वे सभी रिकॉर्ड सील कवर यानी बंद लिफाफे में कोर्ट को सौंप देंगे. 
  13. Advertisement
Featured Video Of The Day
Bihar में छात्रों के लिए आया अंडा लेकिन मास्टर साहब ने उड़ा दिया | Metro Nation @10