जानें 5 बड़ी बातें : क्यों 3 साल में पहली बार केंद्र ने किया इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) की समय सीमा बढ़ाने से इंकार

आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की समय सीमा 31 जुलाई है. सरकार समय सीमा को और आगे बढ़ाना नहीं चाह रही है. जुर्माना या अन्य कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए टैक्स-पेयर को नियत तारीख से पहले अपना आईटीआर (ITR) दाखिल करना चाहिए.

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आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की समय सीमा 31 जुलाई है.
नई दिल्ली:

पिछले दो वित्तीय वर्षों के दौरान कोविड -19 (Covid-19) महामारी की वजह से सरकार ने आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा बढ़ा दी थी. हालाँकि, इस वर्ष स्थिति अलग है क्योंकि केंद्र सरकार समय सीमा बढ़ाने पर विचार नहीं कर रही है. सरकार का यह कदम तीन साल में पहली बार देखा जाएगा. राजस्व सचिव तरुण बजाज ने पिछले सप्ताह कहा, "अभी तक, दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाने के बारे में कोई विचार नहीं है."

आयकर रिटर्न से जुड़ी 5 बड़ी बातेंः
  1. आयकर (आई-टी) नियमों के अनुसार, व्यक्तिगत करदाताओं द्वारा इस वित्तीय वर्ष का आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा 31 जुलाई है. ये उस तरह के करदाता हैं जिन्हें अपने खातों को ऑडिट कराने की आवश्यकता नहीं होती है.
  2. राजस्व सचिव (Revenue Secretary) ने कहा कि करदाताओं की आम प्रतिक्रिया यह है कि रिटर्न फॉर्म दाखिल करना बहुत आसान हो गया है और रिफंड भी जल्दी मिल रहा है. कर विभाग ने एक नया I-T फाइलिंग पोर्टल लॉन्च किया है. अधिकारियों के मुताबिक यह पोर्टल काफी मजबूत है और अतिरिक्त लोड को उठा सकता है.
  3. राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा, "पिछली बार, हमारे पास अंतिम तारीख को रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 50 लाख से अधिक थी. इस बार, मैंने अपने लोगों को कहा है कि वे 1 करोड़ के लिए तैयार रहें जो अंतिम दिन अपना रिटर्न भरेंगे.
  4. पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 (FY21) में , 31 दिसंबर, 2021 की बढ़ाई गई तारीख तक लगभग 5.89 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए थे. आईटीआर (ITR) के जरिए एक व्यक्ति को भारत के आयकर विभाग में टैक्स जमी करना होता है. आईटीआर में किसी विशेष वित्तीय वर्ष के दौरान व्यक्ति की आय और उस पर भुगतान किए जाने वाले करों के बारे में जानकारी होती है.
  5. यदि किसी व्यक्ति की आय छूट की सीमा से अधिक है, तो उसे कर रिटर्न दाखिल करना होगा. नई कर व्यवस्था के तहत, छूट की सीमा ₹ 2.5 लाख निर्धारित की गई है. पुरानी व्यवस्था के तहत, 60 वर्ष से कम आयु वालों के लिए छूट की सीमा ₹ 2.5 लाख है; 60 से 80 वर्ष (वरिष्ठ नागरिक) के बीच के लोगों के लिए ₹ 3 लाख; और 80 वर्ष (सुपर सीनियर सिटीजन) से अधिक आयु वालों के लिए ₹ 5 लाख.
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