चीन में कोरोना के मामलों में उछाल के बाद केंद्र ने राज्यों को भेजा 'Covid चेकलिस्ट', 10 बड़ी बातें

चीन में कोविड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, इसको लेकर भारत सरकार भी अलर्ट है. केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि अगर देश में कोरोना के मामले फिर से बढ़ते हैं, तो ऐसे में खुद को पूरी तरह से तैयार रहने को लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं पर मॉक ड्रिल आयोजित करे. मंगलवार को आयोजित होने वाले मॉक ड्रिल में बेड की उपलब्धता, मानव संसाधन, रसद और मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति पर खास फोकस रहेगा.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

क्वारंटीन और लाइफ सपोर्ट दोनों के लिए बिस्तरों की उपलब्धता प्राथमिकता सूची में है.

नई दिल्ली:

चीन में कोविड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, इसको लेकर भारत सरकार भी अलर्ट है. केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि अगर देश में कोरोना के मामले फिर से बढ़ते हैं, तो ऐसे में खुद को पूरी तरह से तैयार रहने को लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं पर मॉक ड्रिल आयोजित करे. मंगलवार को आयोजित होने वाले मॉक ड्रिल में बेड की उपलब्धता, मानव संसाधन, रसद और मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति पर खास फोकस रहेगा.

  1. पिछली बार खासकर कोविड की दूसरी लहर के दौरान संक्रमित मामले तेजी से बढ़ने पर स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को अपने घुटनों पर ला दिया था. मेडिकल ऑक्सीजन की कमी के कारण सांस लेने के लिए संघर्ष कर रहे रोगियों और अस्पताल में बिस्तर खोजने के लिए दर-दर भटक रहे मरीजों के दिल दहला देने वाले वीडियो सामने आए थे. 
  2. सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि यह आवश्यक है कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आवश्यक स्वास्थ्य उपाय किए जाएं.
  3. मंत्रालय ने कहा कि इसलिए मंगलवार, 27 दिसंबर 2022 को देश भर में सभी स्वास्थ्य सुविधाओं (चिन्हित COVID-समर्पित स्वास्थ्य सुविधाओं सहित) में मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्णय लिया गया है.
  4. स्वास्थ्य सचिव ने मॉक ड्रिल के लिए प्रमुख फोकस क्षेत्रों को सूचीबद्ध किया. क्वारंटीन और लाइफ सपोर्ट दोनों के लिए बिस्तरों की उपलब्धता सूची में सबसे ऊपर है. पत्र में कहा गया है कि स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता जैसे बिस्तर की क्षमता, आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन-समर्थित आइसोलेशन बेड, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर-समर्थित बेड बेहद जरूरी है.
  5. मॉक ड्रिल में डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स सहित कोविड मामलों में किसी भी स्पाइक से निपटने के लिए आवश्यक मानव संसाधन पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा. ड्रिल के दौरान पर्याप्त संख्या में आयुष चिकित्सकों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं जैसे अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं का भी आंकलन किया जाएगा.
  6. अभ्यास यह भी जांच की जाएगी कि क्या इन स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड रोगियों और मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति को संभालने के लिए ठीक से प्रशिक्षित किया गया है.
  7. Advertisement
  8. मॉक ड्रिल का उद्देश्य आरटी-पीसीआर और रैपिड एंटीजन किट की आसान उपलब्धता सुनिश्चित करके कोविड परीक्षण क्षमताओं को बढ़ावा देना भी होगा.
  9. मेडिकल ऑक्सीजन, जिसके संकट ने कोविड की पिछली लहरों के दौरान लाखों लोगों को हांफते हुए छोड़ दिया था, इस मॉक ड्रिल का एक प्रमुख फोकस क्षेत्र है.
  10. Advertisement
  11. केंद्र पहले ही घोषणा कर चुका है कि चीन समेत पांच देशों से आने वाले यात्रियों के लिए अब आरटी-पीसीआर जांच अनिवार्य है. देश में कल कोविड के 200 नए मामले दर्ज किए गए हैं.
  12. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा है कि केंद्र और राज्यों को मिलकर और सहयोग की भावना में काम करने की जरूरत है, जैसा कि उन्होंने पिछली स्पाइक्स के दौरान किया था.
  13. Advertisement
Topics mentioned in this article