Vastu tips: गणेश की मूर्ति दक्षिण दिशा में कभी न करें स्थापित.
VastuTips: कोई भी शुभ कार्य हो बिना भगवान गणेश की पूजा अर्चना किए संपन्न नहीं होता है. गृह प्रवेश हो, शादी ब्याह हो सबसे पहले गौरी गणेश की ही पूजा की जाती है. इनको विघ्नहर्ता (lord ganesha) का दर्जा मिला हुआ है. इनकी पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं. लेकिन क्या आपको पता है भगवान गणेश की मूर्ति को किस दिशा (right direction of Ganesha statue) में स्थापित करना चाहिए. इस बात की जानकारी बहुत कम लोगों को होगी तो चलिए हम बताते हैं कि विघ्नहर्ता की मूर्ति की सही दिशा.
भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करने की सही दिशा | Right direction of lord Ganesha statue
- वास्तु शास्त्र में भगवान की मूर्तियों को स्थापित करने की दिशाओं पर काफी जोर दिया गया है. हर भगवान की एक दिशा है जहां प्रतिमा रखने या लगाने से घर में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है. ऐसे में अगर आप भगवान गणेश की मूर्ति को घर के उत्तर पूर्व कोने में रखते हैं तो बहुत अच्छा होगा. आप चाहें तो पूर्व या पश्चिम दिशा में भी रख सकते हैं. घर की यह दिशा भी शुभ होती है पूजा पाठ के लिए.
- वहीं भगवान गणेश की मूर्ति को कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए. जिस दिशा में आप गणेश को स्थापित कर रहे हैं उसके आस-पास कूड़ा या टॉयलेट जैसी जगहें नहीं होनी चाहिए, इससे घर में विपरीत प्रभाव पड़ सकता है.
- आपको बता दें कि भगवान गणेश की मूर्ति प्लास्टर या पेरिस की नहीं बल्कि धातु, गोबर, मिट्टी की बनी हो तो ज्यादा बेहतर होगा. इससे घर में सुख शांति और सकारात्मकता बनी रहेगी.
- दफ्तर में भगवान गणेश की बैठी हुई मूर्ति नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि बैठी मुद्रा में गणेश की मूर्ति की सही जगह घर का मंदिर है.
- इसके अलावा गणेश की वही मूर्ति घर में लाएं जिसमें उनकी सूंड बायीं तरफ झुकी हुई हो. एक बात और घर में गणेश की एक ही मूर्ति रखें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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