संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) के दिन आज भगवान गणेश का विधि-विधान से पूजन किया जाता है. संकष्टी चतुर्थी के अलावा इसे सकट चौथ (Sakat Chauth), संकटा चौथ भी कहा जाता है. मान्यता है कि गणेश जी की पूजा और आरती से धन-धान्य की प्राप्ति होती है. कहते हैं कि सकट चौथ का व्रत (Sakat Chauth Vrat) सभी संकटों को हरने वाला होता है, इसलिए इसे संकटा चौथ भी कहते हैं. मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी का व्रत संतान की सुरक्षा और परिवार की खुशहाली के रखा जाता है. माना जाता है कि गणेश जी की आरती करने से नकारात्मक शक्तियां खत्म हो जाती है. संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गौरी गणेश जी की पूजा के साथ-साथ उनकी आरती (Ganesh ji ki Aarti) करना शुभ माना जाता है.
भगवान गणेश जी की आरती | Ganesh Ji Ki Aarti
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
एकदंत दयावंत चार भुजा धारी।
माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी।।
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डू के भोग लगे संत करें सेवा।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
अंधे को आंख देत कोढिन को काया।
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया।।
'सूर' श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)