Srikalahasti Temple: आंध्र प्रदेश का श्रीकालहस्ती मंदिर राहूकाल की पूजा के लिए प्रसिद्ध है. इस मंदिर में राहूकाल की पूजा के साथ-साथ कालसर्प की पूजा होती है. श्रीकालहस्ती मंदिर आंध्र प्रदेश के रायलसीमा क्षेत्र के चित्तूर जिले में स्थित है. इस मंदिर को प्राचीन पल्लव काल के दौरान बनाया गया था. यह मंदिर दक्षिण भारतीय वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी हैं जहां की नक्काशी आंतरिक रूप से खुदी हुई गोपुरम वास्तुकला की द्रविड़ शैली को दर्शाती है. रविवार को 30 रूसी भक्तों (Russian Devotees) के एक समूह ने आंध्र प्रदेश के तिरुपति (Tirupati) में श्रीकालाहस्ती देवस्थानम मंदिर में 'राहु केतु पूजा' में भाग लिया.
सभी पर्यटक मंदिर परिसर में पहुंचे और वहां इस पूजा के बारे में जानकर विधि-विधान पूजा करवाई गई. सभी रूसी पर्यटक भारतीय वेशभूषा में नजर आए और सभी ने मंत्रो के अच्चारण के साथ पूजा में हिस्सा लिया.
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वैदिक ज्योतिष शास्त्र में राहू-केतू (Rahu Ketu) को छाया ग्रह माना जाता है. कहते हैं अगर कुंडली में इन दोनों ग्रहों की स्थिति ठीक नहीं होती तो जीवन में उथल-पुथल मच जाती है. ये ग्रह राजा को रंक भी बना सकते हैं. ऐसे में राहू केतु की पूजा शुभ माना जाती और और यह पूजा पूरे विधि-विधान से तिरुपति के श्रीकालहस्ती मंदिर में करवाई जाती है.