Rambha Teej 2023: सालभर में ऐसे बहुत से व्रत पड़ते हैं जिन्हें सुहागिन महिलाएं और कुंवारी लड़किया रखती हैं. इसी तरह का व्रत है रंभा तीज का व्रत (Rambha Teej Vrat) जिसे पति की लंबी आयु के लिए सुहागिनों द्वारा रखा जाता है और कुंवारी लड़कियां इस व्रत को अच्छे वर की चाह में रखती हैं. इस व्रत से रंभा देवी की कथा जुड़ी हुई है. पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह में रंभा तीज का व्रत रखा जाता है. इस साल 22 मई, सोमवार के दिन रंभा तीज का व्रत रखा जाएगा. जानिए इस व्रत से जुड़ी विशेष कथा.
रंभा तीज की कथा | Rambha Teej Katha
पौराणिक कथाओं के अनुसार रावण की दो पत्नियां थीं जिनमें पहली पत्नी का नाम मंदोदरी था जोकि राक्षसराज मयासुर की पुत्री थीं. वहीं, रावण की दूसरी पत्नी का नाम धन्यमालिनी. कहा जाता है कि रावण (Ravana) की तीसरी पत्नी भी थीं लेकिन उनका नाम अज्ञात है. वाल्मीकि रामायण के अनुसार रावण मृत्यु उपरांत स्वर्गलोक पहुंचा तो उसे वहां रंभा नामक अप्सरा मिली. रंभा को रावण ने अपनी गिरफ्त में करना चाहा तो रंभा ने उसे यह कहकर नकार दिया की वह रावण की पुत्रवधु के समान है. फिर भी रावण ने रंभा से दुराचार करना चाहा तो नलकुबेर ने रावण को श्राप दिया कि अब कभी भी वह किसी स्त्री को स्पर्श नहीं कर पाएगा और अगर उसने ऐसा दुस्साहस किया तो उसका मस्तक सौ टुकड़ों में उसी समय बंट जाएगा. माना जाता है कि इसके बाद से ही देवी रंभा की पूजा होने लगी.मान्यतानुसार अप्सरा रंभा का जन्म समुद्र मंथन के पश्चात हुआ था.
रंभा तीज का व्रत शीघ्र फलदायी माना जाता है. रंभा व्रत के दिन बहुत सी महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए भी व्रत रखती हैं. इसके अलावा पति की लंबी आयु और अच्छे वर की प्राप्ति के लिए भी इस व्रत को रखा जा सकता है.
महिलाएं इस दिन सुबह उठकर स्नान पश्चात भगवान सूर्य (Surya Dev) के समक्ष दीया प्रजव्वलित करती हैं. इस पूजा के दिन माता लक्ष्मी और माता सती की भी पूजा की जाती है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के साथ ही भगवान गणेश का पूजन भी होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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