Nautapa 2025: आज से शुरू हो रहा है नौतपा, जानिए इन 9 दिनों में क्या करें और क्या न करें, कैसे प्राप्त होगी सूर्य देव की कृपा

Nautapa 2025: हिंदू धर्म में नौतपा का खास महत्व है. मान्यताओं क अनुसार, नौतपा में भगवान सूर्य की उपासना करने से विशेष फल की प्राप्ति की जा सकती है. ऐसे में आइए जानते हैं नौतपा के समय क्या करें और किन बातों से परहेज करें.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
कब से कब तक है नौतपा?

Nautapa 2025: हर साल मई के अंत में नौतपा शुरू होता है. 'नौतपा' का अर्थ है नौ दिनों की तपिश. जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, तो अगले 9 दिन तक तापमान अपने चरम पर पहुंच जाता है. सूर्य के इस नक्षत्र में पहुंचते ही धरती आग की तरह तपने लगती है. इसे ही नौतपा कहा जाता है. हिंदू धर्म में इस समय भगवान सूर्य की उपासना का खास महत्व बताया गया है. इस साल नौतपा की शुरुआत आज यानी 25 मई से हो रही है. ऐसे में आइए जानते हैं नौतपा के समय क्या करें और किन चीजों को करने से बचें. साथ ही जानेंगे नौतपा के 9 दिनों में सूर्य देव की कृपा कैसे पाई जा सकती है.

जप माला में क्यों होते हैं 108 मोती, क्या है इसके पीछे का रहस्य, जानिए यहां

कब से कब तक है नौतपा?

इस वर्ष नौतपा की शुरुआत 25 मई 2025 की दोपहर 3 बजकर 15 मिनट से हो रही है. यह 2 जून तक चलेगा. माना जाता है कि जैसे ही सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, धरती पर भीषण गर्मी का प्रभाव बढ़ जाता है. सूर्य 8 जून तक रोहिणी नक्षत्र में रहेंगे, फिर मृगशिरा नक्षत्र और उसके बाद 15 जून को मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे.

नौतपा में क्या करें?
  • हिंदू धर्म में नौतपा का विशेष महत्व है. इन दिनों सूर्य की आराधना करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और कुंडली के दोष भी दूर होते हैं.
  • प्रतिदिन प्रातः सूर्य को तांबे के लोटे में जल, लाल फूल, अक्षत डालकर अर्घ्य दें.
  • नौतपा के 9 दिन सूर्य को अर्घ्य देते हुए 'ॐ घृणि सूर्याय नमः' या 'ॐ सूर्य देवाय नमः' मंत्र का जाप करें.
  • इस समय आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना भी अत्यंत फलदायक माना गया है. माना जाता है कि नौतपा में आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से मानसिक बल, आत्मविश्वास और रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है.
  • घर के बाहर प्याऊ लगवाएं या राहगीरों को जल पिलाएं. 
  • अपने सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंदों को पानी, छाता या शीतल खाद्य सामग्री दान करें.
  • हल्का, सात्विक भोजन करें जिसमें दही, छाछ, लस्सी, बेल का शरबत, तरबूज और खीरा शामिल हों.
नौतपा में क्या न करें? 
  • मान्यताओं के अनुसार, इस समय विवाह जैसे मांगलिक कार्यों से बचना चाहिए और यात्राओं में सावधानी बरतनी चाहिए.
  • अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें, खासकर दोपहर में. इस समय सूर्य की किरणें सेहत पर बुरा असर डाल सकती हैं.
  • नौतपा के 9 दिन मांसाहार, शराब और तीखे खाद्य पदार्थों से परहेज करें, ये शरीर में गर्मी बढ़ाते हैं. 
  • यह समय आत्मनियंत्रण और धैर्य का है. नकारात्मक भावनाएं मानसिक अशांति का कारण बन सकती हैं.
  • इसके अलावा, नौतपा के दौरान अगर कोई व्यक्ति आपके दरवाजे पर कुछ मांगने आए, तो उसे खाली हाथ न लौटाएं. अपने सामर्थ्य अनुसार कुछ न कुछ दान अवश्य करें. माना जाता है कि इसका शुभ फल आपको जरूर मिलता है.

नौतपा में सूर्य की कृपा कैसे प्राप्त करें?

नौतपा के दिनों में सूर्य साधना, उपवास, सेवा और ध्यान के माध्यम से सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है. यह समय आत्मशुद्धि और तप का होता है. इन नौ दिनों में संयम, सेवा और साधना के मार्ग पर चलकर जीवन में ऊर्जा, तेज और सफलता प्राप्त की जा सकती है.

Advertisement

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Advertisement

Featured Video Of The Day
Indian Economy: Japan को पीछे छोड़ भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना | Breaking News