Nanda Saptami: हर साल मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को नंदा सप्तमी मनाया जाता है. इस वर्ष मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी 10 दिसंबर दिन शुक्रवार को है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, नंदा सप्तमी पर व्रत-पूजन से मन को शांति मिलती है. यह व्रत सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला भी माना गया है. नंदा सप्तमी के दिन सूर्य देव की पूजा करने का काफी महत्व है. बता दें कि नंदा सप्तमी के दिन देवी नंदा (Nanda Devi) की पूजा की जाती है. बता दें कि इस दिन को सूर्या सप्तमी या नंदा सप्तमी के नाम से जाना जाता है. इस दिन भगवान सूर्य के साथ-साथ भगवान गणेश और मां नंदा के रूप में पार्वती माता का पूजन किया जाता है. वहीं पूजन के दौरान कुछ मंत्रों का जाप किया जाता है. आइए जानते हैं गणेश मंत्र, सूर्य मंत्र व पार्वती माता के मंत्र.
कौन हैं नंदा देवी | Know Who Is Nanda Devi
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, नंदा देवी माता पार्वती का स्वरूप मानी जाती है. नवदुर्गा में से एक देवी माता नंदा को माना जाता है. बता दें कि प्राचीन काल से ही हिमालय क्षेत्र में देवी नंदा का पूजन किया जाता रहा है. मान्यता है कि नंदा सप्तमी के खास अवसर पर माता पार्वती के पूजन से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. वहीं आज के दिन सूर्य देव को जल अर्पित कर उनकी उपासना करने का विधान है.
सूर्य मंत्र | Mantra Of Surya Dev
ॐ सूर्याय नम:।
ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः।
ॐ सूर्याय नम:।
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गणेश मंत्र | Mantra Of Genesh Mantra
ॐ गं गणपतये नम:
गणेश गायत्री मंत्र- एकदंताय विद्महे, वक्रतुंडाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
पार्वती माता के मंत्र | Mantra Of Nanda Saptami
ॐ पार्वत्यै नम:।
ॐ जगद्धात्रयै नम:।
ॐ शिवाये नम:।
ॐ उमाये नम:।
ॐ जगत्प्रतिष्ठायै नम:।
ॐ शांतिरूपिण्यै नम:।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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