Chaitra Navratri 2023: नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को समर्पित होते हैं जिनमें से छठे दिन पर मां कात्यायनी का पूजन होता है. आज 27 मार्च के दिन नवरात्रि का छठा दिन मनाया जा रहा है. मां कात्ययानी (Maa Katyayani) को अमोघ फलदायी माना जाता है. कहते हैं जो जातक मां कात्यायनी की पूजा-आराधना करते हैं उन्हें मां कात्यायनी आशीर्वाद देती हैं और हर इच्छा की पूर्ति कर देती हैं. मां कात्यायनी की पूजा आज किस तरह संपन्न की जाए, कैसा भोग लगाएं, किस रंग के कपड़े पहनें और किस तरह पूजा (Puja) कर मां का चित्त प्रसन्न करें भक्त यहां जान सकते हैं.
मां कात्यायनी का स्वरूप
माना जाता है कि मां कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत भव्य और दिव्य होता है. माता शेर पर सवार नजर आती हैं. मां का वर्ण स्वर्ण की तरह प्रज्जवल और चमकता हुआ नजर आता है. मां की चार भुजाएं हैं. मां के एक हाथ में कमल होता है, एक में तलवार, एक हाथ पर स्वास्तिक की मुद्रा अंकित है तो एक सदैव आशीर्वाद की मुद्रा में रहता है.
मां कात्यायनी की पूजा-उपासना गोधुलि बेला में करना सर्वाधिक लाभदायक माना जाता है. आज गोधुलि बेला शाम 6 बजकर 35 मिनट से 6 बजकर 58 मिनट तक रहेगी.
नवरात्रि के छठे दिन सुबह उठकर स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं. इसके बाद भक्त मां कात्यायनी के लिए व्रत का संकल्प रखते हैं. मां की चौकी सजाई जाती है और मां के समक्ष सुगंधित फूल अर्पित किए जाते हैं. मां कात्यायनी को श्रृंगार की वस्तुएं चढ़ाना भी बेहद शुभ माना जाता है. भक्त मां की आरती करते हैं और इसके बाद मां को भोग (Maa Katyayani Bhog) चढ़ाया जाता है. मां कात्यायनी का प्रिय भोग शहद होता है इसलिए पूजा के भोग में शहद और शहद से बने पकवान शामिल किए जाते हैं. इस भोग को प्रसाद की तरह भी ग्रहण किया जाता है.
मान्यतानुसार पीला रंग मां कात्यायनी का प्रिय होता है. इस चलते भक्त आज के दिन पीले रंग के वस्त्र धारण कर सकते हैं.
मां कात्यायनी की पूजा गृहस्थ जीवन को सुखमय बना देती है. मान्यतानुसार देवी की उपासना और भक्ति मनुष्य का जीवन सरल बनाने और खुशहाली व समृद्धि से भर देने का काम करती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)