Chaitra Navratri 2023: नवरात्रि के तीसरे दिन की जाती है मां चंद्रघंटा की पूजा, जानिए पूजन की विधि यहां 

Navratri Third Day: चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन पूरे विधि-विधान से मां चंद्रघंटा की आराधना की जाती है. जानिए इस दिन किस तरह संपन्न करें पूजा विधि.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
Ma Chandraghanta Puja: नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित है. 

Chaitra Navratri 2023: नवरात्रि की विशेष धार्मिक मान्यता होती है. चैत्र मास में पड़ने वाली नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि कहा जाता है. 22 मार्च से शुरू होकर 30 मार्च तक नवरात्रि के नौ दिन पूजा-पाठ किए जाएंगे जिनमें 31 मार्च के दिन दशमी मनाई जाएगी. नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा (Ma Chandraghanta) को समर्पित है. इस दिन पूरे विधि-विधान से मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. 24 मार्च के दिन किस तरह मां चंद्रघंटा की पूजा की जाए, किस रंग के कपड़े पहनना माना जाता है शुभ और अन्य महत्वपूर्ण बातें जाने यहां. 

घर में खुशहाली लेकर आता है इस फूल का पौधा, वास्तु भी देता है इसे लगाने की सलाह, मान्यतानुसार होती है बरकत 

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा | Ma Chandraghanta Puja On Navratri Third Day 

मां चंद्रघंटा को मान्यतानुसार बेहत शांतिदायक और कल्याणकारी माना जाता है. कहते हैं जो भक्त मां चंद्रघंटा का पूजन करते हैं उन्हें आध्यात्मिक शक्ति मिलती है और उनपर मां चंद्रघंटा की विशेष कृपा बरसती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार मां चंद्रघंटा ने राक्षसों का संहार करने के लिए अवतार लिया था और उनमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों की शक्तियां हैं. मां चंद्रघंटा का स्वरूप हाथों में तलवार, त्रिशूल, गदा व धनुष धारण किए है. देवी मां के माथे पर अर्द्ध चंद्र विराजमान है जिस चलते उन्हें अपना नाम चंद्रघंटा (Chandraghanta) नाम मिला है. राक्षसों का विनाश करने वाली मां चंद्रघंटा भक्तों के लिए शांत और सौम्य व्यक्तित्व की हैं. 

Advertisement
मां चंद्रघंटा की पूजा 

मान्यतानुसार नवरात्रि के तृतीय दिन (Navratri Third Day) मां चंद्रघंटा की पूजा-आराधना करने के लिए सुबह निवृत्त होकर स्नान किया जाता है. स्नान पश्चात स्वच्छ कपड़े पहने जाते हैं. भूरे, सफेद व स्वर्ण रंग को मां चंद्रघंटा का प्रिय माना जाता है जिस चलते देवी मां की पूजा के दिन इन रंगों के कपड़े पहने जा सकते हैं. 
इसके पश्चात मां चंद्रघंटा की प्रतिमा के समक्ष दीपक जलाया जाता है और माता रानी की आरती कर उन्हें अक्षत, सिंदूर, पुष्प और भोग आदि लगाते हैं. 

Advertisement

भोग में मां चंद्रघंटा की प्रिय चीजें लगाई जा सकती हैं. इनमें केसर और दूध से तैयार की गईं मिठाइयां और फल आदि शामिल हैं. दूध से बने अन्य मिष्ठान भी मां चंद्रघंटा को चढ़ाए जा सकते हैं और इस भोग (Bhog) को ही प्रसाद स्वरूप खाया जाता है. भोग में शहद का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. 

Advertisement
मां चंद्रघंटा की आरती 

जय मां चंद्रघंटा सुख धाम
पूर्ण कीजो मेरे काम 
चंद्र समान तू शीतल दाती
चंद्र तेज किरणों में समाती
क्रोध को शांत बनाने वाली
मीठे बोल सिखाने वाली
मन की मालक मन भाती हो
चंद्र घंटा तुम वरदाती हो 
सुंदर भाव को लाने वाली 
हर संकट मे बचाने वाली 
हर बुधवार जो तुझे ध्याये 
श्रद्धा सहित जो विनय सुनाय 
मूर्ति चंद्र आकार बनाएं 
सन्मुख घी की ज्योत जलाएं 
शीश झुका कहे मन की बाता 
पूर्ण आस करो जगदाता 
कांची पुर स्थान तुम्हारा 
करनाटिका में मान तुम्हारा 
नाम तेरा रटू महारानी 
'भक्त' की रक्षा करो भवानी. 

Advertisement

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Jaipur CNG Tanker Blast: Highway पर Black Spot कितने ख़तरनाक? | NDTV Reality Report