Amavasya 2024: इस साल 2-3 सितंबर को बन रहा है सोमवती और भौमवती अमावस्या का शुभ संयोग, जानें क्यों है खास

Somvati Amavasya: अमावस्या की विशेष धार्मिक मान्यता होती है. इस साल सोमवती और भौमवती अमावस्या का विशेष संयोग बन रहा है जिसे बेहद शुभ माना जा रहा है. 

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Somvati Amavasya Date: सोमवती अमावस्या के दिन महादेव का पूजन किया जा सकता है. 

Somvati Amavasya 2024: पंचांग के अनुसार, इस साल 2 सितंबर, सोमवार के दिन भाद्रपद की अमावस्या पड़ रही है लेकिन इसका प्रभाव अगले दिन यानी 3 सितंबर, मंगलवार तक माना जा रहा है. वहीं, सोमवार और मंगलवार का शुभ संयोग इस अमावस्या को बेहद खास बना रहा है. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार भी दोनों ही दिनों को अमावस्या की तिथि बताया जा रहा है. माना जाता है कि अमावस्या के दिन पूजा करने पर जीवन में व्याप्त दिक्कतें हट जाती हैं, पितरों का आशीर्वाद मिलता है और भौमवती अमावस्या (Bhaumvati Amavasya) हो तो मंगल दोष से भी छुटकारा मिल जाता है. जानिए अमावस्या की तिथि का प्रारंभ कब होगा और किन बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है. 

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सोमवती और भौमवती अमावस्या का संयोग | Somvati And Bhaumvati Amavasya

द्रिक पंचांक के अनुसार, इस साल भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की अमावस्या 2 सितंबर, सोमवार की सुबह 5 बजकर 21 मिनट से शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन अगले दिन 3 सितंबर, मंगलवार को सुबह 7 बजकर 54 मिनट पर होगा. ऐसे में दोनों दिन ही अमावस्या का शुभ संयोग बन रहा है और इस साल भाद्रपद में सोमवती अमावस्या और भौमवती अमावस्या पड़ रही है. सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है और मंगलवार के दिन जो अमावस्या पड़ रही है उसे भौमवती अमावस्या कहते हैं. 

अमावस्या की पूजा 

मान्यतानुसार अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है. जो लोग किसी नदी के पास नहीं रहते हैं वे इस दिन पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं. अमास्या के दिन पितरों का तर्पण, पूजा और आराधना करना बेहद शुभ माना जाता है. अमावस्या पर पितरों का श्राद्ध और पिंडदान भी किया जाता है. धर्म-कर्म के कामों के लिए भी अमावस्या की तिथि शुभ होती है. सोमवती अमावस्या होने के चलते इस अमावस्या पर भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा की जा सकती है. मंगलवार के दिन भौमवती अमावस्या है जिस चलते बजरंगबली की उपासना की जाती है. 

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अमावस्या पर चंद्र दोष और पितृ दोष (Pitra Dosh) से मुक्ति पाने के लिए भी पूजा की जाती है. भगवान शिव को सोमवती अमावस्या पर खीर का भोग लगाने पर ये दोष हट सकते हैं. विवाह के योग बनें इसके लिए भोग में पंचामृत, शहद और मालपुए शामिल किए जा सकते हैं. इन चीजों को भगवान के समक्ष अर्पित करना शुभ होता है. सुख और शांति का घर में वास हो इसके लिए सफेद मिठाई को भोग में शामिल किया जा सकता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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