Sankashti Chaturthi 2025 : आज एकदंत संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जा रहा है. यह व्रत भगवान गणेश की पूजा (Ganesh puja mahatva) के लिए समर्पित है. इन्हें एकदंत इसलिए कहा जाता है क्योंकि इनका एक दांत टूट गया था. इनकी पूजा करने से सारे कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है. इस दिन चंद्र देव की पूजा की जाती है, फिर व्रत खोला जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं एकदंत संकष्टी चतुर्थी (Ekdant Sankashti Chaturthi) का योग और चांद निकलने का समय.
आज है संकष्टी चतुर्थी, इस दिन गणेश जी को पूजा में क्या अर्पित करें, जानिए यहां
संकष्टी चतुर्थी शुभ योग - Auspicious Yogas of Sankashti Chaturthi
- इस दिन सिद्ध योग सुबह 7 बजकर 15 मिनट तक रहेगा. इस दौरान पूजा करने का विशेष लाभ प्राप्त होता है. इस दिन साध्य योग भी बन रहा है. यह भी बहुत लाभकारी है. इस दिन मूल नक्षत्र सायं 4:07 तक रहेगा, जिससे पूजा का प्रभाव और बढ़ जाएगा.
संकष्टी चतुर्थी पूजा मुहूर्त - Sankashti Chaturthi Puja Muhurta
- इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 06 मिनट से प्रातः 4 बजकर 48 मिनट तक रहेगा. वहीं, अभिजीत मुहूर्त प्रातः 11 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा.
- जबकि निशिता मुहूर्त रात्रि 11 बजकर 57 मिनट से रात 12 बजकर 38 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा लाभ-उन्नति मुहूर्त प्रातः 7 बजकर 12 मिनट से प्रातः 8 बजकर 54 तक रहेगा. वहीं, अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त प्रातः 8 बजकर 54 मिनट से प्रातः 10 बजकर 36 मिनट तक रहेगा.
कब निकलेगा चांद - aaj Kab niklega chand
- आज चंद्रोदय का समय रात्रि 10:39 तक रहेगा.
एकदंत संकष्टी चतुर्थी महत्व - Significance of Ekadanta Sankashti Chaturthi
इस दिन व्रत करने से जीवन के सभी कष्ट, रोग और दोष दूर होते हैं. साथ ही गणेश जी की कृपा से सभी संकट समाप्त होते हैं जीवन में शुभता का वास बना रहता है. इनका व्रत करने से जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है. आपको बता दें कि संकष्टी का व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि (Chaturthi tithi) को रखा जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)