- आयकर विभाग ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2025 तक बढ़ाई, इसके बाद जुर्माना लग सकता है
- इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग में ई-वेरिफिकेशन अनिवार्य है, इसे 30 दिनों के अंदर पूरा करना जरूरी होता है
- ITR के लिए पैन कार्ड, फॉर्म 16, बैंक स्टेटमेंट, टीडीएस सर्टिफिकेट जैसे दस्तावेज जरूरी होते हैं
Income Tax Return Filing 2025: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का समय चल रहा है. टैक्स डिपार्टमेंट ने 31 जुलाई 2025 से रिटर्न फाइल करने का समय 15 सितंबर 2025 कर दिया है. अगर इसके बाद आप आईटीआर भरते हैं तो जुर्माना आपको चुकाना पड़ सकता है, इसलिए समय के अंदर ही अपने बन रहे टैक्स की जानकारी दे दें. रिटर्न फाइल में ई-वेरिफिकेशन का ध्यान रखें, क्योंकि ये प्रोसेस अनिवार्य है, इसके बिना आपका आईटीआर वैलिड नहीं होता है.
30 दिनों का मिलता है समय
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस ई-वेरिफिकेशन के लिए टैक्सपेयर्स को 30 दिनों का समय दिया है. यानी अगर आपने अपनी रिटर्न फाइल 1 अगस्त को की है तो 30 अगस्त तक उसका ई-वेरिफिकेशन करना जरूरी है, नहीं तो आपकी रिटर्न फाइल को कैंसल कर दिया जाएगा. इस खबर में हम आपको इनकम टैक्स रिटर्न से जुड़े छोटे-बड़े सवालों के बारे में बात करते हैं.
क्या है इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर)?
आप एक वित्त वर्ष में कितना कमा रहे हैं और इस कमाई पर कितना टैक्स बन रहा है, इसकी जानकारी सरकार को देनी होती है. कमाई में सिर्फ सैलरी ही नहीं बल्कि दूसरे सोर्स को भी जोड़ा जाता है, जैसे किराया, शेयर मार्केट से बना मुनाफा, प्रॉपर्टी खरीद-बिक्री पर प्रॉफिट, ब्याज से कमाई आदि दूसरी जानकारियां शामिल होती हैं. आप ऐसा मान लीजिए कि जिस भी तरीके से आपके पास पैसा आ रहा है, उसका उल्लेख इस फॉर्म में करना होता है.
कौन भर सकता है आईटीआर?
अगला सवाल है कि आईटीआर कौन भर सकता है... ये सवाल बड़ा है, क्योंकि ये ज्यादातर टैक्सपेयर्स के मन में आता है. भारत में बहुत से ऐसे लोग हैं जो टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं, तो उन्हें लगता है कि रिटर्न फाइल करने की क्या जरूरत..पर ऐसा करना नियमों के खिलाफ है. नियम कहते हैं कि सालाना 2.5 लाख रुपये और इससे ऊपर कमाने वाले व्यक्ति को अपनी इनकम का ब्यौरा देना जरूरी है.
आईटीआर भरने के क्या हैं फायदे?
आईटीआर बस इसलिए भर रहे हैं क्योंकि सरकार ने कहा है या जुर्माना लग जाएगा, तो इसका मतलब आपने अभी तक आईटीआर की ताकत को नहीं समझा है. दरअसल अपने सपनों का घर या कार खरीदने के लिए ये आईटीआर आपको लोन दिलाने में आपकी मदद करता है. दरअसल बैंक पिछले 3 सालों की रिटर्न फाइल की जानकारी लेते हैं. ऐसे में अगर आपने रिटर्न फाइल नहीं की है तो मामला कुछ समय के लिए अटक सकता है. वहीं, अगर सब कुछ ठीक हुआ तो आसानी से आपको अपने सपने पूरा करने के लिए लोन मिल सकता है.
टैक्स रिटर्न फाइल करने में कौन-कौन से डॉक्यूमेंट्स जरूरी हैं?
- पैन कार्ड
- टैक्स सेविंग स्कीम का सर्टिफिकेट (अगर हो तो)
- 16A/16B/16C फॉर्म
- सैलरी स्लिप
- बैंक स्टेटमेंट
- TDS सर्टिफिकेट
- इंटरेस्ट सर्टिफिकेट
- 26AS फॉर्म
आईटीआर कितने प्रकार के होते हैं?
अलग-अलग संस्थाओं के लिए आईटीआर भी अलग-अलग होता है. अभी के समय में टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से 7 आईटीआर करदाताओं के लिए मौजूद हैं.
ITR-1 फॉर्म
इस आईटीआर का इस्तेमाल इंडिविजुअल जो सैलरी पा रहे हैं, पेंशन मिल रही है, ब्याज या किसी भी संपत्ति से एक फाइनेंशियल ईयर में 50 लाख तक की इनकम हासिल कर रहे हैं, वे सभी इस फॉर्म का इस्तेमाल करते हैं.
ITR-2 फॉर्म
कोई भी इंडिविजुअल और HUF जिसकी एक फाइनेंशियल ईयर में इनकम किसी पेशे या बिजनेस से नहीं है, वो इस फॉर्म का इस्तेमाल कर सकता है.
ITR-3 फॉर्म
कोई भी इंडिविजुअल और HUF जिसकी एक फाइनेंशियल ईयर में इनकम सीधे पेशे या बिजनेस से है, वो इसका यूज अपनी रिटर्न फाइल में कर सकते हैं.
ITR 4 फॉर्म
ऐसे व्यक्ति जो पेशे से 50 लाख रुपये और बिजनेस से 2 करोड़ रुपये तक का प्रॉफिट कमा रहे हैं, वो इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.
ITR 5 फॉर्म
इस फॉर्म का इस्तेमाल साझेदार, संघ अपनी इनकम की जानकारी देने के लिए करते हैं.
ITR 6 फॉर्म
भारत में कोई भी रजिस्टर्ड कंपनी अपनी आय का ब्यौरा देने के लिए इस फॉर्म का इस्तेमाल करती है.
ITR 7 फॉर्म
ITR 7 फॉर्म का इस्तेमाल यूनिवर्सिटी, राजनीतिक पार्टियां, ट्रस्ट, रिसर्च इंस्टीट्यूट अपनी इनकम की जानकारी देने के लिए करते हैं.
आईटीआर ई-फाइलिंग में इस्तेमाल होने वाले फॉर्म क्या हैं?
- फॉर्म 16
ये फॉर्म सभी सैलरीड पर्सन के लिए हैं. इसे एंप्लॉयर की तरफ से जारी किया जाता है. इस फॉर्म में ग्रोस सैलरी, डिडक्शन और TDS की जानकारियां शामिल होती हैं.
- फॉर्म 26AS
ये एक एनुअसल टैक्स स्टेटमेंट है, जिसमें इनकम पर कटे TDS, एडवांस टैक्स और सेल्फ असेसमेंट की जानकारी शामिल होती है.
- फॉर्म 15G/15H
इस फॉर्म में बैंक से मिल रही ब्याज पर TDS से बचाव करता है. साथ ही ये फॉर्म उन व्यक्तियों के लिए है, जिनकी इनकम टैक्स दायरे में नहीं है. फॉर्म 15G का इस्तेमाल 60 साल से कम व्यक्ति और 15H का इस्तेमाल सीनियर सिटीजन करते हैं.
ऑनलाइन आईटीआर फॉर्म कैसे जमा करें?
आयकर डिपार्टमेंट ने टैक्सपेयर्स की सुविधा के लिए सारा प्रोसेस अब ऑनलाइन कर दिया है. घर बैठे आराम से अपना टैक्स जमा किया जा सकता है. इसके लिए कुछ जरूरी स्टेप्स को फॉलो करना होगा.
- सबसे पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की बेवसाइट https://www.incometax.gov.in/iec/foportal पर जाना होगा.
- यूजर आईडी और कैप्चा डालने के बाग लॉगिन करें
- असेसमेंट ईयर और आईटीआर के फॉर्म का चुनाव करें
- कोई भी गलती ना हो, इसके लिए सबसे पहले दिशानिर्देशों को पढ़ें
- अपनी सभी डिटेल्स देने के बाद सब्मिट पर क्लिक करें
- दी हुईं डिटेल्स को आधार कार्ड या इलेक्ट्रॉनिक कोड के जरिए वैरिफाई कराएं
- वैरिफिकेशन होने के बाद आपके मोबाइल नंबर और मेल पर रिटर्न फाइल होने का मैसेज आ जाएगा
- आप पोर्टल पर दुबारा लॉगिन कर अपने आईटीआर स्टेट्स की जानकारी ले सकते हैं
आईटीआर ना भरने पर कितना जुर्माना लगता है?
आयकर विभाग की तरफ से आईटीआर ना भरने या देरी से भरने पर जुर्माना लगाया जाता है. अगर आपकी इनकम 5 लाख रुपये से कम है तो 1 हजार रुपये से लेकर 10 हजार रुपये तक आपको पेनल्टी भरनी पड़ सकती है. वहीं, अगर इनकम 5 लाख रुपये से ज्यादा है तो 5 हजार रुपये से 10 हजार रुपये तक का जुर्माना आप पर लग सकता है. हालांकि ये सभी निर्भर करता है कि आखिरी तारीख से लेकर अब तक आप कितना लेट हुए हैं.