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एग्जाम से पहले हुई मां की हुई मौत, शव के पैर छु कर देना आया छात्र परीक्षा, भावुक कर रही इस बच्चे की कहानी

तमिल नाडु की बोर्ड परीक्षा के दौरान एक ऐसे छात्र की कहानी सामने आई, जिसे सुनकर हर कोई भावुक हो रहा है. अपनी मां की मौत के तुंरत बाद स्टूडेंट्स एग्जाम देने पहुंचा.

एग्जाम से पहले हुई मां की हुई मौत, शव के पैर छु कर देना आया छात्र परीक्षा, भावुक कर रही इस बच्चे की कहानी
भावुक कर रही इस बच्चे की कहानी
नई दिल्ली:

Tamil Nadu Board Exams 2025: यह कहानी एक ऐसे छात्र की है, जिसने अपनी मां को खोने के कुछ घंटे बाद ही अपनी बोर्ड परीक्षा में शामिल हुआ. इस छात्र की कहानी सुनकर कई लोग भावुक हो रहा है. यह घटना तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले के वल्लीयूर क्षेत्र की है, जहां 12वीं कक्षा के छात्र सुनील कुमार को अपनी मां की मौत के बाद भी परीक्षा देने गया. 3 मार्च 2025 को तमिल नाडु बोर्ड परीक्षा का पहला दिन था, और उस दिन तमिल विषय की परीक्षा थी. सुनील कुमार की मां, सुबलक्ष्मी, दिल की गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं. परीक्षा शुरू होने से कुछ घंटे पहले, सुबलक्ष्मी का निधन हो गया.

6 साल की उम्र में पिता को खोया

मीडिया चैनल में छपे एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह परिवार के लिए एक बहुत ही कठिन समय था, क्योंकि सुनील के पिता का निधन छह साल पहले हो चुका था. सुनील की मां ने अपने जीवन के इस कठिन संघर्ष में अपने बच्चों को अकेले ही पाला और उन्हें अच्छे संस्कार दिए. उनका सपना था कि सुनील और उसकी बहन यासिनी जीवन में सफल हों. सुनील के परिजनों और रिश्तेदारों ने सुबलक्ष्मी के संघर्ष को देखा था और वह चाहते थे कि सुनील अपनी मां के सपनों को पूरा करने के लिए परीक्षा में शामिल हो.

मां के मृत शरीर से  आशीर्वाद लेकर गया एग्जाम देने

सुनील ने अपनी मां की मृत शरीर के पास जाकर अपनी यूनिफॉर्म और हॉल टिकट को उनके चरणों में रख दिया, ताकि वह अपनी मां का आशीर्वाद प्राप्त कर सके. इस भावुक पल में सुनील फूट-फूटकर रो पड़ा. परिजनों और रिश्तेदारों ने उसे सांत्वना दी और समझाया कि उसकी मां चाहती थी कि वह अच्छे नंबर लाकर परीक्षा में सफल हो. इसके बाद, सुनील को परीक्षा देने भेजा. सभी ने उसे यह महसूस कराया कि यह उसकी मां की इच्छा थी और वह उसे पूरा करने के लिए ही परीक्षा देने जा रहा था.

तमिल नाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सुनील कुमार की हिम्मत को सलाम करते हुए एक ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, "यह तमिल समुदाय है! हमारे लिए जीवन से अधिक महत्वपूर्ण शिक्षा है." मुख्यमंत्री ने सुनील के साहस की सराहना की और राज्य के शिक्षा मंत्री अंबिल महेश की टीम से यह भी कहा कि वे सुनील का दुख समझते हैं और परीक्षा में उसका पूरा समर्थन करेंग. अंबिल महेश की टीम ने सुनील से बात की और उसे परीक्षा देने के लिए प्रेरित किया. 

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