Delhi School Admission 2026-27: दिल्ली में नर्सरी एडमिशन की रेस एक बार फिर शुरू होने जा रही है. 4 दिसंबर से स्कूलों के फॉर्म भरने शुरू हो जाएंगे, जिसके लिए पेरेंट्स ने तैयारी शुरू कर दी है. इस बार नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं, साथ ही मार्किंग सिस्टम में भी कुछ बदलाव हुआ है. प्राइवेट स्कूलों में दाखिले को लेकर पेरेंट्स के मन में कई तरह के सवाल होते हैं और एक छोटी सी गलती भी भारी पड़ सकती है. ऐसे में आज हम आपको दिल्ली नर्सरी एडमिशन से जुड़े हर सवाल का जवाब दे रहे हैं.
कब से शुरू होंगे एडमिशन?
दिल्ली में नर्सरी एडमिशन के लिए आवेदन 4 दिसंबर से शुरू होंगे. पहली लिस्ट जनवरी में जारी होगी, जिसके बाद फरवरी में दूसरी और फिर मार्च में तीसरी लिस्ट जारी की जाएगी. अप्रैल 2026 तक बच्चों के एडमिशन हो जाएंगे. दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन के लिए ये पूरी प्रक्रिया होगी. आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख 27 दिसंबर है.
कैसे आवेदन करें?
आपको जिस स्कूल में एडमिशन चाहिए, उसकी वेबसाइट पर जाकर आप फॉर्म निकाल सकते हैं. वेबसाइट edudel.nic.in पर जाकर भी आप स्कूलों की जानकारी ले सकते हैं. आपको फॉर्म लेने के लिए स्कूलों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है.
रजिस्ट्रेशन फीस कितनी है?
किसी भी स्कूल में आवेदन के लिए सिर्फ 25 रुपये की फीस भरनी होगी. दिल्ली सरकार की तरफ से कहा गया है कि स्कूल 25 रुपये से ज्यादा फॉर्म फीस नहीं ले सकते हैं. अगर कोई स्कूल ऐसा करता है तो उसकी शिकायत डायरेक्टरेट ऑफ एजुकेशन में की जा सकती है.
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किन स्कूलों का भरना चाहिए फॉर्म?
जो पेरेंट्स अपने बच्चों के एडमिशन के लिए स्कूल देख रहे हैं, उन्हें पहले अपने घर से सबसे नजदीक आने वाले स्कूलों की लिस्ट तैयार करनी चाहिए. जो स्कूल 0 से 8 किमी के दायरे में हैं, उन सभी का फॉर्म भर सकते हैं. कोशिश करें कि कम से कम 10 स्कूलों का फॉर्म जरूर भरें. ऐसा करने पर किसी एक स्कूल में एडमिशन के चांस बढ़ जाएंगे.
क्या है एडमिशन का प्रोसेस?
दिल्ली में नर्सरी एडमिशन में 100 नंबर का ब्रेकअप होता है. इसमें अलग-अलग कैटेगरी के लिए अलग नंबर दिए जाते हैं. पॉइंट सिस्टम के अलावा लॉटरी से एडमिशन दिए जाते हैं. इसकी पूरी वीडियोग्राफी भी होती है. स्कूल की वेबसाइट पर आपको 100 नंबर का पूरा चार्ट मिल जाएगा. जिसमें आप अपने हिसाब से पॉइंट्स देख सकते हैं.
किन्हें मिलेगी वरीयता?
- स्कूलों में दाखिले के लिए दूरी भी जरूरी है. यानी स्कूल आपके घर से कितना पास है, इसके आधार पर 30 से 70 नंबर मिल सकते हैं.
- अगर स्कूल में पहले से ही बच्चे का भाई या बहन पढ़ रही है तो एडमिशन मिलने के चांस बढ़ जाएंगे. ऐसे में 15 से 40 नंबर मिलेंगे.
- जिन बच्चों के पेरेंट्स में से किसी एक ने उसी स्कूल से पढ़ाई की है, जिसका फॉर्म भरा गया है तो 10 से 40 नंबर तक का फायदा मिल सकता है.
- अगर माता-पिता सरकारी कर्मचारी हैं और उनका ट्रांसफर हुआ है तो ऐसे में ये जानकारी फॉर्म में भरनी होगी, जिसके लिए एक्स्ट्रा नंबर मिलेंगे.
- सिंगल पेरेंट, गर्ल चाइल्ड और बाकी कुछ स्पेशल कैटेगरी के लिए भी अलग से पॉइंट दिए जाते हैं.
कौन से दस्तावेज जरूरी?
दिल्ली में बच्चे का नर्सरी में एडमिशन करवाने के लिए एड्रेस प्रूफ और आईडी प्रूफ देना होता है. एड्रेस प्रूफ के तौर पर आप आधार कार्ड, फोन या बिजली का बिल, पासपोर्ट, वोटर आईडी और रेंट एग्रीमेंट दे सकते हैं. वहीं आईडी प्रूफ के तौर पर आधार, पैन कार्ड, पासपोर्ट या वोटर कार्ड दे सकते हैं. इसके अलावा जिन कैटेगरी में पॉइंट्स के लिए दावा किया गया है, उनसे जुड़े दस्तावेज भी देने होंगे. जैसे- ट्रांसफर ऑर्डर, पुराना स्कूल सर्टिफिकेट, डेथ सर्टिफिकेट, डिवोर्स सर्टिफिकेट आदि...
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क्या होनी चाहिए बच्चे की उम्र?
- नर्सरी (प्री-स्कूल) में एडमिशन के लिए बच्चे की उम्र 3-4 साल तक होनी चाहिए.
- 1 अप्रैल 2021 से लेकर 31 मार्च 2022 के बीच बच्चे का जन्म होना चाहिए.
- केजी में एडमिशन के लिए बच्चे की उम्र 4-5 साल तक होनी चाहिए.
- क्लास-1 में एडमिशन के लिए आवेदन करने वाले बच्चे की उम्र 5 से 6 साल तक होनी चाहिए.
क्या उम्र में मिलती है कोई छूट?
कई लोगों को ये लगता है कि एक या फिर कुछ दिन उम्र ज्यादा होने पर उनके बच्चे का एडमिशन हो सकता है, हालांकि ऐसा नहीं है. उम्र में किसी भी तरह का समझौता या फिर छूट नहीं दी गई है. उम्र संबंधी नियम में ढील देने का अधिकार स्कूल के पास नहीं होता है. यानी बच्चे की उम्र तय क्राइटेरिया में ही होनी जरूरी है.
EWS में किसे मिलेगा एडमिशन?
हर साल की तरह इस साल भी तमाम प्राइवेट स्कूलों में EWS कैटेगरी की सीटें आरक्षित रखी गई हैं. जिस परिवार की सालाना आय पांच लाख रुपये या इससे कम है, वो इस कैटेगरी के तहत आवेदन कर सकते हैं. edudel.nic.in पर जाकर इस कैटेगरी के तहत आवेदन कर सकते हैं. हर स्कूल में 25 प्रतिशत सीटें EWS कैटेगरी, वंचित समूह (DG) और स्पेशल कैटेगरी वाले बच्चों (CWSN) के लिए आरक्षित रहती हैं.
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