दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार (Arvind kejriwal government) दिल्ली की 13 अनाधिकृत कॉलोनियों और 4 गांव में सीवर लाइन बिछाएगी जिससे करीब 3 लाख लोगों को फायदा होगा. शुक्रवार को दिल्ली सचिवालय में उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में आयोजित दिल्ली जल बोर्ड की बोर्ड बैठक में ये फैसला लिया गया. इस दौरान सिसोदिया ने यमुना नदी के प्रदूषण को कम करने और राष्ट्रीय राजधानी की अनाधिकृत कालोनियों में सीवरेज सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न परियोजनाओं को मंजूरी दी. साथ ही उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा पानी को रिसाइकिल व रियूज करने के निर्देश दिए. बैठक में फैसला लिया गया कि दिल्ली के 6 सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को अपग्रेड करने के लिए 1367.5 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
डिप्टी सीएम सिसोदिया ने कहा कि ओखला एसटीपी से यमुना तक साफ पानी पहुंचाने के लिए एक कनेक्टिंग लाइन बिछाई जाएगी. इसके अलावा ग्राउंडवाटर को रिचार्ज करने के लिए ओखला एसटीपी के पास झीलें भी विकसित की जाएगी ताकि पानी को एसटीपी से सीधे झीलों में छोड़ा जाए. दिल्ली जल बोर्ड की बैठक में कुल 1855 करोड़ रूपए की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई.
केजरीवाल सरकार ने बिजवासन की 6 अनधिकृत कॉलोनियों और एक गांव में 26.5 किमी की सीवर लाइन बिछाने का फैसला लिया है. इससे करीब 50 हजार की आबादी को फायदा होगा वहीं,1.5 एमजीडी पानी को ट्रीट किया जा सकेगा. इसके अलावा नजफगढ़ में 82.79 किलोमीटर सीवर लाइन नेटवर्क बिछाया जाएगा. इसके तहत 21 अनधिकृत कॉलोनियों समेत 1 गांव की करीब 1 लाख 65 हजार आबादी को फायदा होगा. साथ ही 4.75 एमडीजी पानी को दिल्ली जल बोर्ड ट्रीट कर पाएगा. शिकारपुर में 17.25 किमी की सीवर लाइन बिछाई जाएगी जिससे 20 हजार लोगों को लाभ मिलेगा. इसके अलावा देवली व संगम विहार की 12 अनधिकृत कॉलोनियों में 35 किमी सीवर लाइन और बुराड़ी में 24 किमी की सीवर लाइन बिछाई जाएगी. इसे यहां रहने वाले 30 हजार लोगों को लाभ मिलेगा. सिसोदिया ने बताया कि सीवर लाइन बिछने के बाद क्षेत्र के करीब 3 लाख निवासियों को लाभ होगा. वर्तमान में इन क्षेत्रों में उत्पन्न सभी सीवेज को स्थानीय तालाब, सेप्टिक टैंक और स्टॉर्मवाटर ड्रेन में छोड़ा जाता है. नाले का निर्वहन अप्रत्यक्ष रूप से यमुना में जाता है. ऐसे में करीब 13 अनधिकृत कॉलोनियों और 4 गांव में सीवर लाइन बिछाने के बाद 8.25 एमडीजी पानी को ट्रीट करने के लिए मदद मिलेगी और यमुना में केवल साफ पानी की पहुंचेगा.
6 एसटीपी को किया जाएगा अपग्रेड, यमुना में बहेगा साफ पानी
दिल्ली में कोंडली एसटीपी, कोरोनेशन एसटीपी, रोहिणी एसटीपी, पप्पन कलां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, नरेला एसटीपी, निलोठी एसटीपी समेत कुल 6 एसटीपी को अपग्रेड किया जाएगा. इसे अपग्रेड करने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से 1367.5 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. वर्तमान में इन एसटीपी की कुल क्षमता 160 एमजीडी है जो कि अपग्रेड होने के बाद बढ़कर 205 एमजीडी हो जाएगी. इसके अलावा पानी को बेहतर ट्रीट करने के लिए आधुनिक तकनीक अपनाई जाएगी. उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि इन वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी को उपचारित किया जाएगा, जिससे यमुना साफ होगी. इन एसटीपी में टीएसएस-10 मिलीग्राम प्रति लीटर के अपशिष्ट प्रवाह मानकों के साथ नवीनतम तकनीक से बनाया जाएगा, जिसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस हटाने के साथ-साथ कीट भी मारे जा सकेंगे. वहीं, पप्पनकलां एसटीपी की क्षमता 20 एमडीजी से 30 एमडीजी तक बढ़ाई जाएगी. सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के ट्रीट हो रहे पानी को यहां मौजूद झील में छोड़ा जाएगा.
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