- दिल्ली में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने नए ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर का शिलान्यास किया, जो सालभर में 72000 वाहनों की फिटनेस जांच कर सकेगा।
- पुरानी प्राइवेट गाड़ियों पर पाबंदी को लेकर आलोचनाएं हुईं, क्योंकि कई गाड़ियां कम चली थीं और उनके पास पल्यूशन सर्टिफिकेट भी था।
- सरकार ने पुरानी गाड़ियों पर पाबंदी को NCR के पांच शहरों तक सीमित करते हुए इसे 1 नवंबर से लागू करने का निर्णय लिया है।
दिल्ली में ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर का शिलान्यास गुरुवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने किया. दिल्ली में इससे पहले झुलझुली में इस तरह का सेंटर था. नए ATS में सालभर में 72000 वाहनों की फिटनेस जांच हो सकेगी. लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या ATS का फायदा स्क्रैप होने वाली पुरानी प्राइवेट गाड़ियों को भी मिल सकेगा.
प्राइवेट गाडियों का फिटनेस टेस्ट होने के बाद ही स्क्रैप हो
दरअसल, 10-15 साल पुरानी गाड़ियों पर पाबंदी लगाने की योजना की काफी आलोचना हुई कि कई गाड़ियां बहुत कम चली थी और उन्होंने पल्यूशन सार्चिफीकेट भी ले रखा था. यही नहीं, कई मंहगी गाड़ियां मसलन मर्सडीज, लैंड रोवर, जगुआर जैसी गाड़ियां को रखने वाले भी नाराज थे कि मजबूरी में उनको ये मंहगी गाड़ियां बहुत सस्ती में बेचनी पड़ रही है. इसी के चलते एक जुलाई से चलने वाली योजना से भी सरकार को यूटर्न लेना पड़ा. सरकार ने फिलहाल यही कहा कि पुरानी गाड़ियों पर पाबंदी NCR के पांच शहरों के साथ ही लगे. पाबंदी 1 नवंबर से लगाया जाए.
'कुछ दिन का एक्सटेंशन दिया जा सकता है...'
ट्रांसपोर्ट डिपार्केटमेंट के पूर्व डिप्टी कमिश्नर अनिल छिकारा मानते हैं कि कई राज्यों में इस तरह की व्यवस्था की गई है, ताकि अगर गाड़ी बहुत कम चली है और उसका फिटनेस अच्छा है तो उसे कुछ दिन का एक्सटेंशन दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सरकार को ये सुझाव बहुत पहले दिया गया था. लेकिन अभी तक दिल्ली सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है.
अभी तक व्यावसायिक और परिवहन वाहनों के लिए ही फिटनेस जांच अनिवार्य है, जो आठ साल तक प्रति दो साल और इसके बाद वाहन की उम्र पूरी होने तक प्रति साल फिटनेस जांच अनिवार्य है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद दिल्ली के करीब 62 लाख 10-15 साल डीज़ल और पेट्रोल गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया था. इसके बाद इन गाड़ियों को स्क्रैप करने की मुहिम शुरु हो गई थी. लेकिन जानकारों का कहना है कि दिल्ली में ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर होने के बाद अब दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट और NGT का दरवाजा इस मामले में खटखटा सकती है. लेकिन इसके लिए सबसे पहला काम ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर खोलना ही है. देखना है कि सरकार का अब अगला कदम क्या होता है?