कांवड़ियों के स्वागत को तैयार दिल्ली, मुख्‍यमंत्री रेखा गुप्‍ता ने रिकॉर्ड 374 शिविरों को दी मंजूरी

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बैठक में कहा कि यह कांवड़ यात्रा न केवल श्रद्धा और आस्था का प्रतीक होगी, बल्कि दिल्ली की सुशासन की नई पहचान भी बनेगी.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार को कांवड़ शिविरों की तैयारियों की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की.
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • दिल्ली सरकार ने इस साल कांवड़ यात्रा के लिए रिकॉर्ड संख्या में विभिन्‍न संस्थाओं के शिविर आवेदनों को स्‍वीकार किया है.
  • दिल्‍ली में पहली बार शिविर स्वीकृति प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाई गई, जिससे आवेदनों को केवल कुछ घंटों में मंजूरी मिल गई.
  • कांवड़ शिविरों को 1200 यूनिट तक मुफ्त बिजली, 24 घंटे सफाईकर्मी, टॉयलेट्स और मेडिकल टीम की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्‍ली :

दिल्ली सरकार ने इस साल कांवड़ यात्रा के दौरान भोले के भक्तों के स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ी है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार को कांवड़ शिविरों की तैयारियों की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की और बताया कि इस बार रिकॉर्ड 374 संस्थाओं ने शिविर लगाने के लिए आवेदन किए हैं, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या मात्र 170 थी. मुख्यमंत्री ने सभी आवेदनों को मंजूरी देने की घोषणा करते हुए कहा कि यह लोगों के विश्वास और सरकार की पारदर्शी व्यवस्था का परिणाम है.

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि पहली बार शिविर स्वीकृति की प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाया गया है. सिंगल विंडो सिस्टम के जरिए आवेदनों को मात्र 48 से 70 घंटों के भीतर स्वीकृति दी गई है, जिससे संस्थाओं को अलग-अलग विभागों के चक्कर नहीं काटने पड़े.

1200 यूनिट तक मिलेगी मुफ्त बिजली

इस साल सरकार ने शिविरों को 1200 यूनिट तक मुफ्त बिजली, स्वच्छता के लिए 24 घंटे तैनात सफाईकर्मी, टॉयलेट्स और मेडिकल टीम की सुविधा देने का निर्णय लिया है. दिल्ली की सीमाओं पर भव्य स्वागत द्वार बनाए जा रहे हैं और ट्रैफिक, पुलिस, MCD और स्वास्थ्य विभाग के बीच बेहतर समन्वय से कांवड़ यात्रा को सुगम बनाने की तैयारी पूरी है.

पूर्व सरकारों पर भी बरसीं मुख्‍यमंत्री

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पूर्व सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले संस्थाओं को टेंट लगाने की अनुमति और भुगतान के लिए महीनों यहां तक कि वर्षों इंतजार करना पड़ता था, लेकिन इस बार सरकार ने 50-50 मॉडल अपनाया है. आयोजन से पहले 50% अनुदान और शेष आयोजन के बाद तुरंत भुगतान का वादा किया गया है.

नीयत साफ, सेवा भाव सर्वोपरि: मुख्‍यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार की नीयत साफ है और सेवा भाव सर्वोपरि है. दिल्ली और इसकी जनता भोले के भक्तों के स्वागत के लिए पलक-पांवड़े बिछाए हुए हैं. इस बार दिल्ली में कांवड़ियों को पूरी तरह नया अनुभव मिलेगा सुविधाओं से भरा, स्वच्छ और सम्मानजनक.”

Advertisement

Featured Video Of The Day
राहुल गांधी भी कर लें शादी, सही चलने लगेंगे... प्रियंका वाड्रा के बेटे की सगाई पर बोले राजस्थान के मंत्री
Topics mentioned in this article