MCD को करें 2.5 करोड़ रुपये का भुगतान... यमुना प्रदूषण पर दिल्ली HC सख्त, दिया पैनल बनाने का आदेश

दिल्ली हाई कोर्ट ने DSIIDC को 2 हफ्तों में 2.5 करोड़ रुपये का भुगतान MCD को करने का आदेश दिया है. अदालत में पिछली सुनवाई के दौरान बताया गया था कि इंडस्ट्रियल एरिया में सर्वे और रीडेवलपमेंट प्लान तैयार करने के लिए कंसल्टेंट आर्किटेक्ट एजेंसियों को लगाया गया था.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
दिल्ली में यमुना के प्रदूषण पर हाई कोर्ट की सख्ती.
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • दिल्ली हाईकोर्ट ने यमुना नदी में बढ़ते प्रदूषण और गंदे पानी की स्थिति को गंभीर मानते हुए चिंता जताई.
  • अदालत ने MCD, DSIIDC और DDA के अधिकारियों की तीन सदस्यीय कमेटी गठित करने का आदेश दिया.
  • कोर्ट ने DSIIDC को प्रदूषण रोकने में लापरवाही के लिए फटकार लगाई और काम न होने पर बंद करने की चेतावनी दी है.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

दिल्ली हाईकोर्ट ने यमुना में बढ़ते प्रदूषण और गंदे पानी को लेकर चिंता जताई है. अदालत ने इसे बहुत ही हैरान करने वाली स्थिति बताते हुए एक तीन सदस्यीय कमेटी बनाने का आदेश दिया. कोर्ट ने ल्ली नगर निगम (MCD), दिल्ली राज्य इंडस्ट्रियल और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास निगम (DSIIDC) और दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के अधिकारियों की तीन सदस्यीय समिति गठित करने का आदेश दिया है.

ये भी पढ़ें- उदयपुर में ट्रंप के दोस्त की बेटी की शाही शादी, तस्वीरें देख कहेंगे वेन्यू देखें या दूल्हा-दुल्हन

हाईकोर्ट ने DSIIDC को लगाई फटकार

अदालत ने यमुना के प्रदूषण पर नाराजगी जताते हुए कहा कि आप क्या कर रहे हैं. 2 करोड़ रुपये के लिए राजधानी के 3 करोड़ लोग ऐसे पानी और हवा की परेशानी झेल रहे हैं. बता दें कि यमुना के प्रदूषण के मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह की बेंच ने सुनवाई के दौरान DSIIDC, दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी और दिल्ली जल बोर्ड की तरफ से फाइल की गई स्टेटस रिपोर्ट पर गौर करे हुए DSIIDC को फटकार लगाई. अदालत ने कहा कि प्रदूषण से निपटने से जुड़े प्लान को लेकर 2023 में कैबिनेट में फैसला लिया गया था, लेकिन रिपोर्ट 2025 में आकर मिली है.

27 क्षेत्रों में कोई भी योजना पूरी तरह लागू नहीं हुई

अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि काम अगर इसी तरह चलता रहा तो DSIIDC को बंद करने पर विचार करना पड़ सकता है. 27 क्षेत्रों में कोई भी योजना पूरी तरह लागू नहीं की गई है. कोई भी काम नहीं हो रहा, 2.5 करोड़ रुपये रोक कर रखे गए हैं, इसी वजह से इतना पॉल्यूशन है.

MCD को 2.5 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश

हाई कोर्ट ने DSIIDC को 2 हफ्तों में 2.5 करोड़ रुपये का भुगतान MCD को करने का आदेश दिया है. अदालत में पिछली सुनवाई के दौरान बताया गया था कि इंडस्ट्रियल एरिया में सर्वे और रीडेवलपमेंट प्लान तैयार करने के लिए कंसल्टेंट आर्किटेक्ट एजेंसियों को लगाया गया था. अदालत ने इस पर आदेश दिया कि DSIIDC, MCD और DDA मिलकर एजेंसियों द्वारा जमा किए गए सभी लेआउट प्लान की जांच करें. 3 सदस्यों की एक टीम लेआउट प्लान की जांच, अप्रूवल लेने और फिर रिपोर्ट देने के लिए मीटिंग करेगी.

Advertisement

Featured Video Of The Day
Bareilly Violence मामले में Tauqeer Raza के एक और करीबी के घर चला बुलडोजर | Breaking News | UP