भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता विजेंद्र गुप्ता सोमवार को दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष पद के लिए चुने गए. उनके नाम का प्रस्ताव खुद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रखा. अध्यक्ष बनाए जाने पर सीएम गुप्ता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने विजेंद्र गुप्ता को बधाई दी. इसके बाद रेखा गुप्ता ने उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी के सामने ही पिछले सदन के दौरान हुए अपमान की भी याद दिलाई.
दिल्ली की सीएम ने विजेंद्र गुप्ता से कहा, "आपने बहुत संघर्ष किया है. आपने नेता प्रतिपक्ष रहते हुए कई बार बहुत ही बुरे व्यवहार का सामना भी किया. कई बार आपको सदन से उठाकर बाहर भी भेज दिया जाता था. लेकिन अब आपकी अध्यक्षता में चल रहे सदन में किसी भी माननीय सदस्य के साथ ऐसी स्थिति ना आए, मुझे लगता है कि आप, सबको नियमों का पालन करवाते हुए अच्छे माहौल में सदन को चलाएंगे."
सीएम रेखा गुप्ता ने की विधानसभा अध्यक्ष के संघर्ष की तारीफ
मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा, "आपका अनुभव और ज्ञान विधानसभा के लिए बहुमूल्य साबित होगा. हमें बोलने और अपने विचार व्यक्त करने का अवसर मिलेगा. आपने इस पद तक पहुंचने के लिए संघर्ष किया है, लेकिन मुझे उम्मीद है कि भविष्य में ऐसा संघर्ष नहीं होगा और आप सदन का कुशलतापूर्वक नेतृत्व करेंगे."
वहीं नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने भी गुप्ता को बधाई देते हुए कहा, "मैं अपने सभी विधायकों की ओर से विजेंद्र गुप्ता को बधाई देना चाहती हूं. पिछली दो विधानसभाओं में वे नेता प्रतिपक्ष रहे. उन्होंने हमेशा जनता के मुद्दों को पूरी ताकत से उठाया."
विजेंद्र गुप्ता का विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठना भाजपा के दिग्गज नेता के लिए एक चक्र के पूरे होने का प्रतीक है, जिन्हें आम आदमी पार्टी (आप) के 10 साल के कार्यकाल के दौरान कई बार मार्शल द्वारा विधानसभा से बाहर निकाला गया था.
विजेंद्र गुप्ता ने विधानसभा अध्यक्ष चुनने के लिए सदस्यों को दिया धन्यवाद
विधानसभा अध्यक्ष चुनने के लिए सदस्यों को धन्यवाद देते हुए गुप्ता ने कहा, "मैं इस महान सदन के सभी माननीय सदस्यों के प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूं कि उन्होंने मुझे इस पद के लिए चुना और इस सदन को चलाने की गंभीर जिम्मेदारी सौंपी. यह सदन ऐतिहासिक है और यह पद लोकतांत्रिक मूल्यों और संसदीय परंपराओं का प्रतीक है."
तीन बार विधायक रहे गुप्ता 2015 से 2020 के बीच विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे और पिछले अगस्त से फिर कुछ समय के लिए नेता प्रतिपक्ष रहे. जून 2015 में उन्हें घसीट कर मार्शल द्वारा सदन से बाहर निकाला गया था, क्योंकि उन्होंने सरकार से चौथे दिल्ली वित्त आयोग की रिपोर्ट पेश करने पर जोर दिया था. अक्टूबर 2016 में वह अपना विरोध दर्ज कराने के लिए एक मेज पर चढ़ गए थे.
रोहिणी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं विजेंद्र गुप्ता
भाजपा की दिल्ली इकाई के पूर्व अध्यक्ष गुप्ता 2015 से रोहिणी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. उन्होंने 1997 में पार्षद के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था. वे 2013 में नयी दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल से अपना पहला विधानसभा चुनाव हार गए थे.
विजेंद्र गुप्ता ने छात्र राजनीति से अपने करियर की शुरुआत की थी. वह दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं.
दिल्ली विधानसभा का पहला सत्र तीन दिनों तक चलेगा.