रोहिणी कोर्ट के सनसनीखेज शूटआउट मामले में दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दायर की है. सूत्रों के अनुसार, 111 पेज की चार्जशीट में कई अहम खुलासे किए गए हैं. सूत्र बताते हैं कि दिल्ली पुलिस की जांच में पता चला है कि रोहिणी कोर्ट में गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की हत्या के लिए गैंगस्टर टिल्लू ने दोनों शूटरों को एक महीने की ट्रेनिंग दिलाई थी. वकीलों जैसे दिखने औरउनके जैसा प्रोफेशनल व्यवहार करने की यह ट्रेनिंग हुई थी. आरोपी उमंग के घर हैदरपुर में यह ट्रेनिंग हुई थी जो पेशे से वकील है. क्राइम ब्रांच ने चार्जशीट में मंडोली जेल में बंद टिल्लू द्वारा योजना तैयार करने से लेकर उसे पूरी करने तक की घटना की पूरी जानकारी दी है. गौरतलब है कि 24 सितम्बर को रोहिणी कोर्ट नम्बर 207 में दो शूटरों ने जितेंद्र गोगी की गोली मारकर हत्या कर दी थी, पुलिस की जवाबी कार्रवाई में दोनों शूटर भी मारे गये थे.
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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस शूटआउट में टिल्लू को जेल से जबकि साजिश में शामिल उमंग यादव को हैदरपुर से गिरफ्तार किया था. आरोपी उमंग ने बताया कि वो एलएलबी कर चुका है.करीब डेढ़ साल पहले रोहिणी कोर्ट में उसकी मुलाकात उमेश काला नाम के बदमाश से हुई थी.उसके बाद उमेश जेल से व्हाट्स एप काल के जरिए उससे बात करता था. जेल से ही उमेश ने उमंग की बात टिल्लू से करवाई. फिर टिल्लू उमंग को लगातार फोन करने लगा.टिल्लू ने उमंग के पास 23 अगस्त को जगदीप एवं राहुल नाम के शूटर को भेजा.टिल्लू ने उमंग से कहा कि इन्हें वकील जैसी ट्रेनिंग देनी है,यही गोगी पर हमला करेंगे. उमंग के घर से मिले सीसीटीवी कैमरे में इसके कुछ सबूत मिले हैं
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्लानिंग के मुताबिक पहले गोगी की सुरक्षा की रेकी करनी थी. 13 सितम्बर को जब गोगी को पानीपत कोर्ट में हर्षिता दहिया हत्याकांड के मामले में पेश किया गया तब उमंग और जगदीप गोगी की सुरक्षा देखने के लिए वहीं थे. दोनों ने टिल्लू को बताया कि उसकी सुरक्षा बेहद कड़ी है. रोहिणी शूटआउट के एक दिन पहले 23 सितम्बर को मुरथल में उमंग और जगदीप ने राकेश ताजपुरिया नाम के बदमाश से हथियार लिए. फिर उसी दिन उमंग और जगदीप ने एम्स के पास एक शख्स से वकीलों की ड्रेस ली. इस बीच टिल्लू जेल से व्हाट्स एप काल के जरिए दोनों से लगातार संपर्क में था. मंडोली जेल में टिल्लू के साथ नीरज बवाना का करीबी नवीन बाली भी बंद था. नवीन ने गोगी के कोर्ट में पेश होने की तारीख टिल्लू को बताई. नवीन ने ही पंजाब की जेल में बंद कौशल चौधरी के जरिए हथियार की व्यवस्था कराई.गोगी को मारने के लिए नवीन ने एक नेपाली मूल के शूटर की इंतज़ाम किया. नेपाली मूल का शूटर हत्याकांड वाले दिन 24 सितम्बर को कोर्ट के पास गया भी लेकिन उमंग ने टिल्लू को फोन कर कहा कि वो वकील की ड्रेस में ठीक नहीं लग रहा है
इसके बाद टिल्लू ने नेपाली शूटर को वापस जाने के लिए कहा. उमंग अपने दोस्त की कार में तीनों शूटरों को लेकर रोहिणी कोर्ट में पहुंचा था. तीनों शूटर पैदल ही कोर्ट के अंदर गये जबकि उमंग कार से अंडरग्राउंड पार्किंग में गया. उमंग वहां से हथियार लेकर कोर्ट के सामने बाथरूम में तीनों शूटर से मिला. इसके बाद वो नेपाली शूटर के साथ कार लेकर बाहर चला आया.उमंग को गोगी समेत दोनों शूटरों की मौत का पता चला तो वह घबरा गया.उसने तुरंत सिम को तोड़कर और सीसीटीवी को डीवीआर को निकालकर रसोईघर की चिमनी में छिपा दिया.वारदात में कुल 9 मोबाइल नम्बरों का इस्तेमाल हुआ ,जिसमें एक नम्बर विदेश का है. केवल वॉट्स एप या सिग्नल एप के जरिये हो बात होती थी.इनमें कई नम्बर फ़र्ज़ी दस्तवेज़ों के जरिये लिए गए थे. टिल्लू को जेल में लगे टीवी से गोगी की हत्या का पता चला, लेकिन जब उसे पता चला कि दोनों शूटर भी मारे गये हैं तो उसने अपना फोन तोड़कर फेंक दिया था.