AAP सरकार ने LG को दोबारा भेजी 'रेड लाइट ऑन-गाड़ी ऑफ' की फाइल, गिनाए ये फायदे

उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार के 'रेड लाइट ऑन-गाड़ी ऑफ' कैंपेन पर सवाल भी उठाया है. एलजी ने कहा है कि इस बात का कोई सबूत नहीं कि इस तरीके के कैंपेन चलाने से वायु प्रदूषण पर नियंत्रण किया जा सकता है.

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इस योजना को पहली बार 16 अक्टूबर, 2020 को दिल्ली में लॉन्च किया गया था.

नई दिल्ली. दिल्ली सरकार के 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' कैंपेन (Red Light On-Gaadi Off) से जुड़ी फ़ाइल इधर से उधर भटक रही है. पहले दिल्ली सरकार (AAP Government) ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना के पास फाइल भेजी थी. उपराज्यपाल ने फाइल को ये कहते हुए लौटा दिया था कि इस कैंपेन के फायदे के कोई सबूत नहीं हैं. अब अरविंद केजरीवाल की सरकार ने इस फाइल को दोबारा एलजी के पास भेजा है. इसके साथ ही राज्य सरकार ने अपनी कैंपेन के फायदे के तर्क भी दिए हैं.

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने एलजी को फाइल दोबारा भेजते हुए कहा- 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ जैसे कैंपेन भारत के 40 शहरों में चलाये गए. अमेरिका और लंदन में भी ऐसे कैंपेन चलाये गए'. दिल्ली सरकार ने तर्क दिया कि CRRI के मुताबिक, केवल 20% लोग लालबत्ती पर अपनी गाड़ी बंद करते हैं, जबकि इस कैंपेन से 80% लोग लालबत्ती पर अपनी गाड़ी बंद कर देते हैं'.

उपराज्यपाल ने फाइल वापस करने की बताई वजह
कैंपेन की फाइल वापस दिल्ली सरकार के पास भेजते हुए उपराज्यपाल ने लिखा है कि इस कैंपेन में सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स को इस तरीके से भारी ट्रैफिक और प्रदूषण के बीच खड़ा नहीं रखा जा सकता, ये उनका शोषण करने के साथ-साथ बहुत अमानवीय भी है. साथ ही कानून और राजस्व विभाग भी इस बात की जांच करें कि क्या सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स का इस तरीके से कैंपेन के दौरान इस्तेमाल किया जा सकता है या नहीं.

इसके अलावा उप राज्यपाल ने इस कैंपेन पर सवाल उठाते हुए लिखा है कि बीते सालों के जो रिज़ल्ट रहे हैं, वो इतने प्रभावी नहीं रहे कि इसकी वजह से प्रदूषण कम हुआ हो. साथ ही सरकार ने जानकारी भी प्रपोज़ल में नहीं दी है.

क्या है रेड लाइट ऑन-गाड़ी ऑफ कैंपेन?
दरअसल, दिल्ली सरकार 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' अभियान से प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए 15-सूत्रीय कार्य योजना बनाई है जिसे 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' नाम दिया गया है. इस योजना को पहली बार 16 अक्टूबर, 2020 को दिल्ली में लॉन्च किया गया था. जैसा कि नाम से पता चलता है, इस कैंपेन का उद्देश्य सड़कों पर रेड लाइट होने पर अपने वाहनों के इंजन को बंद करने के लिए प्रेरित करना है. क्योंकि लोग गाड़ी ऑन रखते हुए ही ट्रैफिक लाइट के ग्रीन होने का इंतजार करते हैं. 

इस अभियान में नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को शामिल किया गया है, जो लोगों को वाहनों को बंद करने के लिए जागरूक करेंगे. इस ड्राइव का पहला चरण इस बार 28 अक्टूबर से शुरू होने वाला था और 28 नवंबर तक जारी रहने वाला था. लेकिन इस कैंपेन पर एलजी ने सवाल उठाया है.

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