'LG ने गैरकानूनी तरीके से कटवाए 1100 पेड़...', AAP ने मांगा इस्तीफा, दी खुली बहस की चुनौती 

सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल का इस्तीफा मांगते हुए कहा कि जो जघन्य अपराध उन्होंने किया है, इसके लिए उन्हें अपने पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है. अब उपराज्यपाल की चोरी पकड़ी गई है.

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नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर से पेड़ों को काटे जाने को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना पर निशाना साधा है. आप नेता और दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मैं सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी पर ये आरोप लगाता हूं कि उनकी केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किए गए उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने ही गैरकानूनी तरीके से 1100 पेड़ कटवाए हैं. उन्होंने कहा कि मैं ये बात केवल हवा में नहीं कह रहा हूं, अब इसके संबंध में कोरे साक्ष्य भी सामने आ चुके हैं जो कि सुप्रीम कोर्ट के पास भी मौजूद हैं.

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कुछ दिनों बाद दिल्ली में हर जगह हर न्यूज़ चैनल पर ये चर्चा होने लगेगी, कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का क्या कारण है? इसका जिम्मेदार कौन है? इसका सबसे बड़ा कारण प्रकृति के साथ किया जा रहा बर्बरता पूर्वक बर्ताव है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के सतबड़ी  इलाके में रिज एरिया में गैरकानूनी तरीके से काटे गए 1100 पेड़ों का मामला चल रहा है और ये काम केवल दिल्ली ही नहीं, बल्कि पूरे देश में अलग-अलग राज्यों में लाखों की संख्या में भिन्न-भिन्न कारणों से पेड़ों को काटा जा रहा है.

सतबड़ी रिज एरिया में गैर कानूनी तरीके से काटे गए 1100 पेड़ों के संबंध में डीडीए द्वारा जिस कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था, उस कंपनी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए हलफनामे का जिक्र करते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, "डीडीए ने जिस कंपनी को इन 1100 पेड़ों को काटने का कॉन्ट्रैक्ट दिया था, उस कंपनी ने हलफनामे में ये साफ़ तौर पर लिखा है कि पेड़ों को काटने का आदेश उपराज्यपाल द्वारा दिया गया था."

कंपनी द्वारा दाखिल किए गए हलफनामे में लिखी बातें पत्रकारों के साथ साझा करते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि इसमें साफ तौर पर कंपनी ने लिखा है कि डीडीए की ओर से ये निर्देश दिए गए थे, कि उनकी ओर से इंजीनियरिंग इंचार्ज मनोज कुमार यादव कंपनी के साथ संपर्क में रहेंगे और जो कोई भी आदेश मनोज कुमार यादव की ओर से दिए जाएंगे वो कंपनी को मानने होंगे. कंपनी ने अपने हलफनामे में बताया कि यह आदेश उन्हें डीडीए की ईमेल आईडी eeswd5@gmail.com के द्वारा मिलते थे. इसी हलफनामे में कंपनी ने ये भी लिखा है, कि उन्हें इस ईमेल आईडी के जरिए पहला ईमेल 7 फरवरी 2024 को प्राप्त हुआ, और दूसरा  ईमेल 14 फरवरी 2024 को मिला. 

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सौरभ भारद्वाज ने बताया कि 14 फरवरी के ईमेल में साफ तौर पर यह बात लिखी गई है कि 3 फरवरी 2024 को उपराज्यपाल महोदय सतबड़ी रिज एरिया में बन रही सड़क का दौरा करने पहुंचे और उन्होंने ही पेड़ों को काटकर जल्द से जल्द सड़क को चौड़ा करने के निर्देश जारी किए.

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मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस कंपनी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दिए गए हलफनामे से भारतीय जनता पार्टी और उनके द्वारा चुने गए उपराज्यपाल दोनों ही आज आज दिल्ली और देश की जनता के सामने बेनकाब हो गए हैं. उन्होंने कहा कि इससे बड़ा सबूत और क्या हो सकता है, कि जिस कंपनी को पेड़ काटने का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया, वह कंपनी अपने हलफनामे में इस बात को बता रही है, कि डीडीए की ओर से ईमेल के जरिए यह आदेश दिए गए कि 3 फरवरी 2024 को उपराज्यपाल महोदय सतबड़ी रिज एरिया का दौरा करने गए और उन्होंने आदेश दिए कि जो भी पेड़ सड़क के चौड़ीकरण में आ रहे हैं उनको काट दिया जाए और सड़क को चौड़ा किया जाए

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आप नेता ने बताया कि यह ईमेल केवल पेड़ काटने वाली कंपनी को ही नहीं बल्कि डीडीए के चीफ इंजीनियर को भी इंजीनियरिंग इंचार्ज द्वारा भेजी गई है. इस हलफनामे में यह भी लिखा हुआ है, कि 13 फरवरी को फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के अधिकारी ने आकर पेड़ों को काटने का काम रुकवा दिया, क्योंकि रिज एरिया में पेड़ों को काटने के लिए जो सुप्रीम कोर्ट की अनुमति चाहिए होती है, वह कंपनी के पास नहीं थी. इस बात से साफ जाहिर होता है, कि डीडीए को भी मालूम था और फॉरेस्ट विभाग को भी मालूम था, कि इन पेड़ों को काटने की अनुमति नहीं है और यह पेड़ गैर कानूनी तरीके से काटे जा रहे हैं.

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सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह सिद्ध हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार द्वारा चुने गए दिल्ली के उपराज्यपाल महोदय विनय सक्सेना के आदेश पर ही सतबड़ी रिज एरिया में गैर कानूनी तरीके से 1100 पेड़ काटे गए. आज उपराज्यपाल महोदय की चोरी पकड़ी गई है. पूरी दिल्ली और देश के सामने उपराज्यपाल महोदय बेनकाब हो गए हैं.

खुले मंच पर चर्चा की चुनौती देते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मैं उपराज्यपाल महोदय विनय सक्सेना को इस मामले पर जनता के सामने खुली बहस की चुनौती देता हूं. उप राज्यपाल स्थान, समय और तारीख तय कर लें, मैं इस मामले पर उनसे जनता के सामने चर्चा करने के लिए तैयार हूं. उन्होंने उपराज्यपाल का इस्तीफा मांगते हुए कहा कि जो जघन्य अपराध उन्होंने किया है, इसके लिए उन्हें अपने पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है. अब उपराज्यपाल की चोरी पकड़ी गई है, उन्हें तुरंत प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.

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