मनीष सिसोदिया क्या जंगपुरा की जंग जीत पाएंगे? बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशी कौन  

Manish Sisodia In Battle Of Jangpura: मनीष सिसोदिया ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार अपनी सीट बदल दी है. जानिए क्या है वहां का समीकरण...

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Delhi Elections 2025: दिल्ली चुनाव में नई दिल्ली सीट के साथ-साथ जंगपुरा सीट पर भी सभी की नजर है.

Manish Sisodia In Battle Of Jangpura: जंगपुरा विधानसभा की सियासी जंग दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आने से दिलचस्प हो गई है. ये एक ऐसी सीट है, जिस पर बीजेपी आज तक जीत का परचम नहीं लहरा पाई है. क्या आम आदमी पार्टी के लिए सेफ मानी जा रही इस सीट पर बीजेपी चुनौती दे पाएगी? आपको जानकर हैरानी होगी कि जंगपुरा का नाम पहले अंग्रेज़ डिप्टी कलेक्टर के नाम पर यंग पुरा था, लेकिन बाद में जंगपुरा के नाम से ये मशहूर हुआ. जंगपुरा विधानसभा सीट पर इस बार आम आदमी पार्टी के निवर्तमान विधायक प्रवीण कुमार का टिकट काट कर मनीष सिसोदिया को लड़वाया जा रहा है. मनीष जानते हैं कि जंगपुरा विधानसभा में जीत का रास्ता ITO में अन्ना कॉलोनी की संकरी गलियों से गुज़रता है. लिहाज़ा झुग्गी झोपड़ी के हर घर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं.

आम आदमी पार्टी ने अब मनीष सिसोदिया को यहां से चुनावी मैदान में उतार कर मुक़ाबले को हाईप्रोफ़ाइल बना दिया है. मनीष सिसोदिया कहते हैं, "मैं यहाँ के लिए बाहरी नहीं हूं, मैं स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए परिवार का हूं."

आम आदमी पार्टी के मनीष सिसोदिया को टक्कर देने के लिए बीजेपी के तरविंदर मारवाह चुनावी मैदान में हैं. निज़ामुद्दीन इलाक़े के अपने घर में समर्थकों से घिरे तरविंदर मारवाह कांग्रेस के टिकट पर जंगपुरा से तीन बार के विधायक रह चुके हैं, लेकिन इस बार वो अपने बेटे के साथ बीजेपी में शामिल में हो गए. बेटा अब बीजेपी का पार्षद है और पिता तरविंदर मारवाह विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार.

तरविंदर मारवाह कहते हैं, "मनीष सिसोदिया को यहां की गलियां तक नहीं पता है. पंजाब के लोग आकर यहां चुनाव प्रचार कर रहे हैं. उसने इतना काम किया होता तो पटपड़गंज से भागना नहीं पड़ता…."

जंगपुरा विधानसभा की सियासी जंग के तीसरे किरदार फरहाद सूरी हैं. फरहाद सूरी कांग्रेस के पार्षद रहे हैं और उनकी मां ताजदार बाबर कांग्रेस से जंगपुरा की विधायक थीं. अब फरहाद सूरी खोई हुई राजनीतिक विरासत को पाने के लिए गली-गली चुनाव प्रचार कर रहे हैं. उनके लिए सबसे बड़ी मुश्किल ये है कि सालभर पहले तक लोकसभा चुनाव में वो जिस आम आदमी पार्टी को जिताने के लिए लोगों से अपील कर रहे थे, अब वही उनकी बड़ी विरोधी बनकर उभरी है.

Advertisement

फरहाद सूरी कहते हैं, "मेरा मुक़ाबला आम आदमी पार्टी से नहीं है, बल्कि यहां बीजेपी से लड़ाई है."

जंगपुरा विधानसभा सीट पर कुल 1 लाख 56 हज़ार मतदाता हैं. यहां के जातीय समीकरण देखें तो पता चलता है कि ये आम आदमी पार्टी के लिए ये सबसे सेफ सीट क्यों मानी जाती है. यहां 16 फ़ीसदी मुस्लिम मतदाता हैं. 11 फीसदी सिख मतदाता हैं. 4 फ़ीसदी पूर्वांचल मतदाता हैं. यही वजह है कि जंगपुरा सीट पर हमेशा मुस्लिम और सिख उम्मीदवारों का सियासी दबदबा रहा है. इस बार बीजेपी ने सिख उम्मीदवार को खड़ा करके मुक़ाबला दिलचस्प बना दिया है.

Advertisement

ये भी पढ़ें-

बीजेपी के लिए दिल्ली में जीत का फॉर्मूला क्या है? केजरीवाल के खिलाफ कांग्रेस ने बदली रणनीति

परवेश वर्मा के घर पर रेड हो, उन्हें चुनाव लड़ने से रोका जाए : EC से केजरीवाल ने की शिकायत  

Advertisement
Featured Video Of The Day
Jhansi News: महिलाओं की मेहनत लाई रंग! रोक दिया टूटे बांध का रिसाव
Topics mentioned in this article