दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में अक्टूबर आते ही वायु प्रदूषण (air pollution) का स्तर खराब होने के बाद चिंता बढ़ गई है. अगले हफ्ते प्रदूषण का स्तर और बढ़ने का खतरा भी है. इसको देखते हुए दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता की निगरानी और नियंत्रण से जुड़े आयोग CAQM ने कड़े कदम उठाने की वकालत की है. सूत्रों का कहना है कि कमीशन फ़ॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को रोकने के लिए GRAP के तहत कुछ कठोर कदम उठाने को कहा है. दिल्ली सरकार ने भी पड़ोसी राज्यों में पराली जलने की घटनाओं में बढ़ोतरी के कारण राजधानी में जहरीली गैसों का स्तर बढ़ने को लेकर चिंता जताई है.
मौसम विभाग के अनुमानों के आधार पर कमेटी का मानना है कि 21-24 अक्टूबर के बीच दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खराब से मध्यम स्तर ( poor to moderate) के बीच पहुंच जाएगी. ऐसे में कुछ कठोर कदम उठाए जा सकते हैं. इसके तहत लैंडफिल साइट पर कूड़ा जलने से रोका जाए और ऐसा करने पर भारी जुर्माना लगाया जाए.दिल्ली एनसीआर में हालात बेहतर होने तक ईंट भट्टे को बंद किया जाए. सड़कों पर मैकेनिकल स्वीपिंग हो और नियमित अंतराल पर छिड़काव किया जाए.
पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशों का सख्ती से पालन हो. प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों पर कार्रवाई हो. गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की रोकथाम के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (graded response action plan ) तैयार किया गया था. पिछले कुछ दिनों में दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद औऱ एनसीआर के तमाम शहरों में वायु प्रदूषण खराब और बेहद खराब की स्थिति में रहा.
सोमवार को बारिश होने से वायु प्रदूषण कम हो गया है, जो अस्थायी राहत देने वाला ही है. दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं और अन्य कारणों से प्रदूषण बढ़ा है. उन्होंने एयर पॉल्यूशन कम करने के लिए ट्रैफिक सिग्नल पर वाहनों को बंद करने की मुहिम शुरू की है. प्रदूषण की रोकथाम के लिए जन भागीदारी को बढ़ाने की सिफारिश भी की गई है.