Bitcoin को आधिकारिक करेंसी बनाने वाला पहला देश बना अल सल्वाडोर, लेकिन जनता तैयार नहीं

Bitcoin News : अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नईब बुकेले की सरकार ने बिटकॉइन को आधिकारिक दर्जा देने का कदम तब उठाया है, जब इस कदम को लेकर वहां की जनता में बहुत भरोसा नहीं है और अंतरराष्ट्रीय मंच से उपभोक्ताओं के लिए जोखिमों का हवाला दिया जा रहा है.

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Al Salvador ने Bitcoin को ऑफिशियल करेंसी घोषित कर दिया है.

सेंट्रल अमेरिकी देश El Salvador मंगलवार को दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है, जहां क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin को लीगल टेंडर या आधिकारिक करेंसी का दर्जा दे दिया गया है. अल सल्वाडोर ने कुछ महीने पहले ही अपने इस इरादे की जानकारी दे दी थी. इस देश के राष्ट्रपति नईब बुकेले (Nyib Bukele) की सरकार ने बिटकॉइन को आधिकारिक दर्जा देने का कदम तब उठाया है, जब इसे लेकर वहां की जनता में बहुत भरोसा नहीं है और अंतरराष्ट्रीय मंच से उपभोक्ताओं के लिए जोखिमों का हवाला दिया जा रहा है. बुकेले की सरकार का दावा है कि इस कदम से कई देशवासियों की पहली बार बैंक सेवाओं तक पहुंच बनेगी. वहीं विदेशों से हर साल घर भेजे जाने वाले रेमिटेंस फंड पर 400 मिलियन डॉलर की फीस की बचत होगी.

नईब बुकेले ने सोमवार को ट्विटर पर एक ट्वीट में कहा था कि 'कल इतिहास में पहली बार सारी दुनिया की नजरें अल सल्वाडोर पर होंगी. यह बिटकॉइन की वजह से हो रहा है.' उन्होंने एक ट्वीट में जानकारी दी कि उनकी सरकार ने अपने पहले 400 बिटकॉइन खरीद लिए हैं. उन्होंने और भी कॉइन्स खरीदे जाने की बात की. क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज ऐप Gemini के मुताबिक, ये 400 बिटकॉइन 21 मिलियन डॉलर की वैल्यू पर ट्रेड कर रहे थे.

जून में अल सल्वाडोर की संसद ने एक कानून पारित किया था, जिसमें यह प्रावधान किया गया था कि अब क्रिप्टो मनी भी लीगल टेंडर होगा और वस्तु या सेवाओं के लिए इसे भी वैसे ही इस्तेमाल किया जा सकेगा, जैसे कि यूएस डॉलर का होता है. बुकेले सरकार का यह महत्वाकांक्षी बिल कांग्रेस में पेश किए जाने के 24 घंटे के भीतर ही अप्रूव हो गया था.

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सल्वाडोर की जनता और एक्सपर्ट्स ने उठाए हैं सवाल

क्रिप्टोकरेंसी हाईली वॉलेटाइल असेट हैं यानी कि क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें अस्थिर होती हैं, तेजी से चढ़ती हैं, तेजी से गिरती हैं. चूंकि इनकी कोई नियमन संस्था भी नहीं है, ऐसे में यह और रिस्की हो जाती हैं, ऐसे में एक्सपर्ट्स और नियामक संस्थाएं इसे लेकर उतने खुले विचार नहीं रखती हैं. इस धड़े ने अल सल्वाडोर के इस कदम पर चिंताएं जताई हैं.  

वहीं अगर खुद वहां के लोगों की बात करें तो एक हालिया ओपनियन पोल में सामने आया था कि अल सल्वाडोर के 6.5 मिलियन लोगों ने इस आइडिया को खारिज कर दिया था और कहा था कि वो यूएस डॉलर का इस्तेमाल करते रहेंगे. पिछले हफ्ते राजधानी सैन सल्वाडोर में सैकड़ों लोगों ने इसे लेकर विरोध-प्रदर्शन किया था. इसमें शामिल एक प्रदर्शनकारी होज़े सांतोस मेलारा ने कहा कि 'बिटकॉइन ऐसी करेंसी है, जो असल में है ही नहीं. ऐसी करेंसी जो गरीबों की बजाय अमीरों का भला करेगी. एक गरीब आदमी के पास पेट भरने को पैसे ही नहीं हैं, तो वो बिटकॉइन में निवेश कैसे करेगा?'

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सरकार अपने इस फैसले को बढ़ावा देने के लिए देशभर में 200 से ज्यादा बिटकॉइन एटीएम लगवा रही है. कुछ एटीएम को जवान सुरक्षा दे रहे हैं, ताकि विरोधी वहां तोड़-फोड़ न करें. वहीं, बुकुले ने यह वादा किया है कि वो इस क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने वाले नागरिकों को 30-30 डॉलर देंगे. 

'असंवैधानिक है अनिवार्यता का आदेश'

पब्लिक ओपनियन इंस्टीट्यूट ऑफ द सेंट्रल अमेरिकन यूनिवर्सिटी की डायरेक्टर लॉरा अंद्रादे ने कहा कि 'प्रशासन और सांसदों ने यह फैसला जनता से बातचीत किए बिना लिया है. हम देख रहे हैं कि इससे लोगों को कोई उम्मीद नहीं है कि उनका रहन-सहन, जीवनयापन सुधरने में इससे कोई मदद मिलेगी.' 

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लगभग दो-तिहाई सल्वाडोरियन्स ने पोल में कहा है कि उनका सरकारी 'Chivo' इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट डाउनलोड करने में कोई दिलचस्पी नहीं है. इसी वॉलेट से यूजर्स बिटकॉइन खरीद और खर्च कर सकते हैं. Salvadoran Foundation for Economic and Social Development (FUSADE) ने कहा है कि बिटकॉइन को पेमेंट के तौर पर स्वीकार करने की अनिवार्यता व्यापारियों पर थोपना 'असंवैधानिक' है.

उधर, बुकेले ने लोगों में बिटकॉइन के फैसले के खिलाफ लोगों में 'डर फैलाने' का आरोप लगाते हुए अपने विरोधियों पर हमला किया है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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