कार में कैविटी बनाकर छुपा रखी थी 40 करोड़ की अफीम, पकड़ा गया ड्रग कार्टेल

गिरोह के सरगना समेत तीन गिरफ्तार, बरामद की गई 43 किलो अफीम पूर्वोत्तर राज्यों से तस्करी करके लाई गई थी और दिल्ली और आसपास के राज्यों में सप्लाई होनी थी

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कार में अफीम को छुपाकर ले जाने के लिए कैविटी बनाई गई थी.
नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक अंतरराज्यीय ड्रग कार्टेल का भंडाफोड़ करते हुए गिरोह के सरगना समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से 40 करोड़ रुपये कीमत की 43 किलो अफीम बरामद हुई है. बरामद की गई अफीम पूर्वोत्तर राज्यों से तस्करी करके लाई गई थी और दिल्ली और आसपास के अन्य राज्यों में सप्लाई होनी थी. 

स्पेशल सेल के डीसीपी आलोक कुमार के मुताबिक, स्पेशल सेल की ट्रांस-यमुना रेंज इस सूचना पर काम कर रही थी कि एक अंतरराज्यीय ड्रग कार्टेल उत्तर-पूर्वी राज्यों से दिल्ली एनसीआर और अन्य आसपास के राज्यों में अफीम की सप्लाई में शामिल है. यह भी सामने आया कि उत्तर पूर्वी राज्यों के सप्लायर म्यांमार की अंतरराष्ट्रीय सीमा के आसपास के पहाड़ी इलाकों से कच्चा माल खरीदते हैं.

कार के अगले टायर के पास ड्रग छुपाने के लिए बनाई कैविटी

टीम को 11 सितंबर, 2023 को विशेष जानकारी मिली कि जोधपुर के रहने वाले दो लोग अमरा राम और भाना राम, भल्लाराम के कहने पर राजस्थान नंबर की KIA सेल्टोस कार में अफीम की खेप लेकर दिल्ली आ रहे हैं. वे भल्लाराम के सहयोगी को अफीम पहुंचाने के लिए मयूर विहार इलाके में पहुचेंगे. इसके बाद छापेमारी करके दोनों को पकड़ लिया गया. उनकी कार, जिसमें पीछे की तरफ कोई नंबर प्लेट नहीं थी, की जांच की गई. KIA Seltos के अगले टायर के पास एक कैविटी मिली. इस केविटी से 40.865 किलो अफीम बरामद की गई.

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जांच के दौरान गिरफ्तार दोनों आरोपियों अमरा राम और भाना राम को साथ लेकर पुलिस टीम गिरोह के सरगना भल्लाराम की तलाश में जोधपुर पहुंची. वहां पता चला कि भल्लाराम को 11 सितंबर, 2023 को शाम 6:40 बजे राजस्थान के जोधपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद भल्लाराम को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया और उसकी निशानदेही पर 15 सितंबर, 2023 को राजस्थान के जोधपुर में उसके घर से 3.058 किलो अफ़ीम बरामद की गई.

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मणिपुर, मेघालय, नागालैंड और असम से लाई जाती थी अफीम

गिरफ्तार आरोपियों भल्लाराम, अमरा राम और भाना राम से गहन पूछताछ की गई. अमरा राम और भाना राम ने खुलासा किया कि वे भल्लाराम द्वारा चलाए जा रहे एक अंतरराज्यीय ड्रग सिंडिकेट का हिस्सा हैं. वे पिछले छह महीनों से नशीले पदार्थों की तस्करी  में शामिल थे. उन्होंने बताया कि वे भल्लाराम के कहने पर मणिपुर, मेघालय, नागालैंड और असम में कई लोगों से ड्रग्स लेते हैं और उसके बाद दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, राजस्थान और चंडीगढ़ में कई लोगों को सप्लाई करते हैं. 

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आरोपियों ने खुलासा किया कि भल्लाराम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से सप्लायरों और ग्राहकों से बात करता था. वह उन्हें एक खेप लाने के 30 हजार रुपये देता था और उसने दीवाली के बाद उन्हें इस धंधे में पार्टनर बनाने का वादा किया था.

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गिरोह का सरगना भल्लाराम छह साल से कर रहा था ड्रग्स का धंधा


भल्लाराम ने खुलासा किया वह पिछले छह साल से ड्रग्स के धंधे में शामिल है. उसने बताया कि शुरुआत में वह अपने बहनोई जयराम के लिए काम करता था. इसी दौरान वह मणिपुर, नागालैंड और असम में अफीम के सप्लायरों और दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, राजस्थान और चंडीगढ़ में अफीम लेने वालों के संपर्क में आया. साल 2021 में जब जयराम को गिरफ्तार कर लिया गया तो उसने अपना तस्करी कार्टेल शुरू कर दिया. उसने अफीम की तस्करी के लिए दो नई किया सेल्टोस कारें खरीदीं और सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देने के लिए कारों के अंदर खास तरह की कैविटी बनाईं, ताकि अफीम की तस्करी आसानी से हो सके.

भल्लाराम अफीम 1,10,000 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदता था और उसे 1,60,000 रुपये प्रति किलो की दर से बेचता था.

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