MBBS में दाखिले के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 2 आरोपी गिरफ्तार

आरोपी दीपक कुमार और राजेश कुमार आहुजा को पुलिस ने हाजीपुर अंडरपास के पास से गिरफ्तार किया गया है. दोनों पर एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी करने का आरोप है. ये गिरोह उन स्टूडेंट और उनके परिवार को टारगेट करता था, जो एमबीबीएस में दाखिला लेना चाह रहे थे.

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प्रतीकात्मक फोटो.
नोएडा:

नोएडा में मेडिकल कॉलेजों में दाखिला कराने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए थाना 126 पुलिस ने दो ठगों को गिरफ्तार किया है. गिरोह ने सेक्टर 125 में ट्रुथ एडवाइजर्स करियर कंसल्टेंसी नाम से सेंटर खोल कर एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के नाम ठगी की कई वारदात को अंजाम दिया था. पुलिस ने गिरफ्तार गिरोह के सदस्यों से मोबाइल, सिम कार्ड, डेबिट कार्ड, फर्जी आधार कार्ड और आर्टिगा कार बरामद की है. पुलिस गिरोह के मास्टरमाइंड और बाकी सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है.

आरोपी दीपक कुमार और राजेश कुमार आहुजा को पुलिस ने हाजीपुर अंडरपास के पास से गिरफ्तार किया गया है. दोनों पर एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी करने का आरोप है. नोएडा जोन-1 के डीसीपी हरीश चंद्र ने बताया कि लखनऊ की रहने वाली एक युवती दर्शिका ने कुछ दिन पहले थाना सेक्टर 126 में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. कुछ लोगों ने उससे एमबीबीएस में दाखिले के नाम पर 13 लाख की ठगी की है. इसकी जांच के लिए एसीपी रजनीश वर्मा के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई थी, जिसने मामले की जांच शुरू की और दो लोगों को गिरफ्तार किया.

आईएएस गिरोह का मास्टरमाइंड यश चौबे
आईएएस गिरोह का मास्टरमाइंड यश चौबे है. वह जय मेहता, यशवंत चौबे, यश चतुर्वेदी आदि फर्जी नाम से ठगी को अंजाम दे रहा था. फिलहाल वह फरार चल रहा है. डीसीपी ने बताया ये गिरोह उन स्टूडेंट और उनके परिवार को टारगेट करता था, जो एमबीबीएस में दाखिला लेना चाह रहे थे. या नेट एग्जाम पास करने के बाद अच्छे कॉलेज में दाखिला चाहते थे. इन लोगों को ऑफिस बुलाकर काउंसलिंग कराई जाती थी, जिस कॉलेज में दाखिला दिलाना होता उसके नजदीक के होटल में गैंग के अन्य लोगों से ये कहकर मिलते थे कि ये सभी कॉलेज के एडमिन में हैं. यही पर पैसों का लेनदेन होता था.

राज्यों के हिसाब से तय करते थे रेट
यह गैंग अपने राज्य के कॉलेज में एडमिशन के नाम पर 30-35 लाख रुपये और अन्य राज्य में एडमिशन के नाम पर 20-25 लाख रुपये वसूलते थे. पेमेंट लेने के बाद उसको एक फर्जी ज्वॉइनिंग लेटर दे दिया जाता था. इसके बाद अपना नंबर बंद कर ये सभी अंडर ग्राउंड हो जाते थे. जब छात्र अपना दाखिला कराने के लिये एमबीबीएस कॉलेज जाते थे, तब उसे अपने साथ हुए फर्जीवाड़े का पता चलता था.

इन इलाकों में बनाया था फर्जी ऑफिस
डीसीपी ने बताया ये गिरोह 3-4 सालों से इस तरह की ठगी को अंजाम दे रहा है. अभी तक मालवीय नगर, कानपुर, लखनऊ, नोएडा आदि शहरों में इनके ऑफिस रहने का पता चला है. मालवीय नगर से अक्टूबर सेक्टर 125 में ट्रुथ एडवाइजर्स करियर कंसल्टेंसी नाम से सेंटर खोला था. 

इन बैंकों में खोल रखा था अकाउंट
इस गिरोह ने एचडीएफसी, यस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई बैंक और इंडसइंड बैंक आदि बैंकों में 13 खाते अपने व अपने सहयोगियों के नाम से खोले थे. इन खातों में जालसाज़ी का पैसा ट्रांसफर करवाते थे. पुलिस ने इन खातों में जमा 2 लाख 80 हजार रुपये सीज किया है. 

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