असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को एक स्थानीय पत्रकार ने एक 13 साल की आदिवासी बच्ची के कथित सुसाइड मामले में व्हॉट्सऐप पर मैसज किया. इस मैसेज के बाद इस मामले की दोबारा जांच शुरू हुई. यह बच्ची डारंग जिले में घरेलू सहायिका के रूप में काम करती थी. अब इस मामले की सीआईडी द्वारा जांच की जा रही है. अब जांच की जाएगी कि क्या कथित तौर पर रिश्वत लेने के बाद अधिकारियों ने रेप और हत्या के मामले को आत्महत्या में बदलने की कोशिश की थी.
असम सीआईडी ने मुख्य आरोपी एसएसबी जवान कृष्ण कमल बरुआ के खिलाफ बलात्कार के प्रयास और हत्या के मामले में चार्जशीट दाखिल की है. बच्ची इस जवान के घर में सहायिका के रूप में काम करती थी. CID ने पब्लिक सर्वेंट द्वारा भ्रष्टाचार का एक अलग मामला भी दर्ज किया है. इसके अलावा निलंबित पुलिस अधीक्षक और धूला पुलिस स्टेशन के प्रभारी को गिरफ्तार कर लिया. पोस्टमॉर्टम करने वाले और बलात्कार से इनकार करने वाली कथित रूप से झूठी रिपोर्ट देने वाले तीन डॉक्टरों और कथित रूप से झूठी रिपोर्ट देने वाले एक मजिस्ट्रेट को निलंबित कर दिया गया.
इसी साल जून में 13 साल की बच्ची का शव धुला स्थित कृष्ण कमल बरुआ के घर में मिला था. स्थानीय पुलिस और आरोपी ने दावा किया था कि लड़की ने आत्महत्या कर ली थी और उसके शव को पोस्टमार्टम के बाद दफना दिया गया था.
असम पुलिस की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि जब मामला दर्ज किया गया था तब दरांग जिले के एसपी राज मोहन रे थे. बैंक खातों और अन्य रिकॉर्ड्स जांचने के बाद यह पता चला कि एसपी को आरोपी के परिवार से 2 लाख रुपए मिले थे. यह कथित रिश्वत धुला पुलिस स्टेशन के प्रभारी के जरिए दी गई थी. बताया गया कि ये पैसे 'मामले को कमजोर बनाने के लिए दिए गए थे'. इसको लेकर भी मामला दर्ज कर लिया गया है.
परिजनों का दावा है कि बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई.
यह मामला दो महीने बाद फिर से सामने आया, जब एक स्थानीय पत्रकार ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के साथ व्हाट्सएप पर जानकारी शेयर की.
असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, 'उस क्षेत्र के एक स्थानीय पत्रकार ने मुझे इस मामले और परिवार के आरोपों पर व्हाट्सएप पर एक मैसेज भेजा. मैंने अपने कार्यालय से डारंग के एसपी से मामले की स्टेट्स रिपोर्ट मांगने के लिए कहा. रिपोर्ट मिलने के बाद मुझे शक हुआ कि इस मामले में कुछ गड़बड़ है. क्योंकि मेरे पूछे जाने के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया. इसलिए मैंने डीजीपी को निर्देश दिया कि हमें मामले की फिर से जांच कराने की जरूरत है और मामला सीआईडी को सौंप दिया गया.'
असम के डीजीपी भास्कर ज्योति महंत के साथ मुख्यमंत्री पीड़िता के घर पहुंचे और नए सिरे से जांच का आश्वासन दिय. इसके बाद एसपी, एडिशनल एसपी और धूला पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी को पहले निलंबित किया गया और अब सीआईडी द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया.
सीआईडी ने गहन जांच की, जिसमें शव को बाहर निकालना, दोबारा पोस्टमार्टम, कपड़ों का फोरेंसिक टेस्ट और अन्य कई टेस्ट शामिल हैं. सीआईडी यह पता लगाने की कोशिश में है कि क्या यह मामला रेप की कोशिश और फिर हत्या का है.
सीआईडी अधिकारियों ने बताया कि 13 वर्षीय बच्ची ने आरोपी को धमकी दी थी कि वह अपने माता-पिता और आरोपी की पत्नी को बताएगी कि उसका यौन शोषण किया गया. इसके बाद आरोपी ने उसके सिर और गर्दन पर चोट पहुंचाई और गला घोंट कर मार डाला. बाद में इसे सुसाइड दिखाने के लिए उसके शव को लटका दिया.
एडीजीपी (असम सीआईडी) ए वाई वी कृष्णा ने बताया, "हमने एक आईजीपी के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया और छह सप्ताह के भीतर हमने दोबारा पोस्टमार्टम किया. सभी फोरेंसिक सबूतों को जांचने के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों का एक बोर्ड बनाया है. उसी वजन और ऊंचाई के डमी के साथ क्राइम सीन को रिक्रिएट किया गया. हमने वैज्ञानिक रूप से साबित कर दिया कि वह उस ऊंचाई पर खुद को लटकाने में सक्षम नहीं थी. फिर हमने टावर लोकेशन, कॉल रिकॉर्ड्स और जियो-टैगिंग एनालिटिक्स का इस्तेमाल करके यह पता लगाया कि कौन किससे मिला और कहां और किसे रिश्वत दी गई. अब हमने रेप और हत्या और केस को दबाने के मामले में सभी प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. हमने 1000 से ज्यादा पेज की चार्जशीट दाखिल की है."