कहीं ऐसा तो नहीं कि आपके नाम से जारी सिम कार्ड पर कोई ठगी कर रहा हो? दिल्ली पुलिस ने झारखंड के जामताड़ा से इसी तरीके से ठगी करने वाले एक गैंग के छह लोगों को गिरफ्तार किया है. उनके पास से 21700 सिम कार्ड बरामद किए गए हैं.
बाहरी उत्तरी दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने जामताड़ा के कुख्यात साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है. गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है. यह आरोपी ठगने के लिए गूगल और फेसबुक पर विज्ञापन पर 10 लाख रुपये प्रति माह खर्च किया करते थे.
ठगों के विज्ञापनों की वजह से इनकी बैंकों की फर्जी कस्टमर केयर की साइट सबसे ऊपर दिखने लगती थी. वेबसाइट पर मौजूद नंबर पर जैसे ही कोई शख्स क्लिक करता उसकी बात जामताड़ा में बैठे ठगों से होती. इसके बाद ठग शिकार बनाए गए शख्स से एक के बाद एक कई ओटीपी लेते और उसके बैंक अकाउंट से सारे पैसे साफ कर देते.
पुलिस के मुताबिक निजामुद्दीन अंसारी इस गिरोह का मास्टरमाइंड है. वह इससे पहले सन 2021 में भी गिरफ्तार हो चुका है. जांच में पता चला कि आरोपी इससे पहले ठगी की 77 वारदातें कर चुके हैं.
निजामुद्दीन अंसारी वारदातों को अंजाम देने के लिए नसीम नाम के व्यक्ति से सिम कार्ड लिया करता था. पुलिस ने नसीम के पास से 21700 सिम कार्ड बरामद किए हैं. उसने पूछताछ में बताया कि उसने 12500 सिम कार्ड पहले भी लिए थे.
पुलिस को उनके पास से 774 विदेशी सिम कार्ड भी मिले हैं जो कि नेपाल, भूटान और चीन के हैं. नसीम बिहार, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में सिम कार्ड जारी करने वालों से सम्पर्क करता था. वे लोग वहां सिम कार्ड देने के दौरान लोगों से केवाईसी प्रकिया में एक बार की जगह चार से पांच बार अंगूठा लगवा लेते थे. वे इसके बाद एक सिम कार्ड तो संबंधित व्यक्ति को दे देते और बाकी के सिम कार्ड का इस्तेमाल साइबर ठगी में इस्तेमाल करने के लिए नसीम को भेज देते थे. सिम कार्ड खरीदने वाले लोगों के दस्तावेजों के जरिए बड़ी तादाद में सिम कार्ड खरीदे जाते थे.
यह गिरोह इसी तरह से अब तक करोड़ों रुपये की ठगी को अंजाम देकर 2000 लोगों को चूना लगा चुका है. दिल्ली पुलिस इस मामले में बाकी आरोपियों की तलाश कर रही है.
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