शाहिद की फिल्म फर्जी से प्रेरित होकर यूपी के सुनार ने ₹2,000 के नकली नोट छापे, पुलिस की हत्थे चढ़े आरोपी

जानकारी के मुताबिक छापे गए नकली नोट पंजाब और दिल्ली में भी चलाए जा रहे थे और इस मामले में जांच के बाद एक सुनार और उसके साथी की गिरफ्तारी के साथ इस गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है.

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जाली नोट छापने के लिए स्पेशल स्याही कई वेबसाइट सर्च करने के बाद ढूंढी थी.

दिल्ली पुलिस ने दो ऐसे शातिर बदमाशों तंजीम और इरशाद को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने शाहिद कपूर की फर्जी वेब सीरीज देखकर 2000 के फर्जी नोट छापना शुरू कर दिया. ताजिम और इरशाद को मौका तब मिल गया जब 2000 के नोट बंद कर दिया गया और धीरे धीरे 2000 के नोट चलन से बाहर होने लगे. दरअसल इस वक्त का दोनो फायदा उठाया और नोट छापकर सस्ते दामों में बदलना शुरू कर दिया. पुलिस ने दोनों आरोपियों के पास से पांच लाख पचास हजार रुपए मूल्य के जाली नोट बरामद किया है और ये सभी नोट 2000 के हैं.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को जानकारी मिली थी कि एक नया मॉड्यूल दिल्ली और आसपास के इलाकों समेत पंजाब और उत्तर प्रदेश में नकली नोट सर्कुलेट कर रहा है. जानकारी मिलने के बाद दिल्ली पुलिस ने इस गैंग के बारे में सटीक इनपुट जुटाने शुरू की और फिर पुलिस को पता चला कि यह मॉड्यूल उत्तर प्रदेश के कैराना से काम कर रहा है. इस दौरान स्पेशल सेल को जानकारी मिली कि इस मॉड्यूल का एक शातिर बदमाश जाली नोट के साथ दिल्ली के अलीपुर आने वाला है. इसके बाद पुलिस ने अलीपुर इलाके से ताजिम को गिरफ्तार किया और उसके पास से पुलिस ने ढाई लाख रुपए के जाली नोट बरामद किए.

इस मामले में पूछताछ के बाद पुलिस ने कैराना से इरशाद को गिरफ्तार कर उसके घर से जाली नोट बरामद किए. पुलिस ने 21 जून को जाल बिछाया और कैराना निवासी ताजीम को 2,000 रुपये के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया. पूछताछ में ताजीम ने खुलासा किया कि उसका पड़ोसी सुनार इरशाद अपनी दुकान में नकली नोट छापता था और उसे उनकी छपाई और तस्करी में भाग लेने के लिए मना लिया था. पुलिस की एक टीम ने इरशाद को कैराना से गिरफ्तार किया और उसके घर से 2,000 रुपये के नकली नोट बरामद किए. उसकी दुकान से नकली नोट बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कागज की शीट, हरी पन्नी की शीट और चमकदार स्याही के साथ नोटों पर 2000 नंबर मुद्रित करने के लिए इस्तेमाल किए गए फ्रेम बरामद किए गए.

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दिल्ली पुलिस के मुताबिक पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि जाली नोट में होने वाले मुनाफे को देखकर उन दोनों ने अपनी दुकान में ही जाली नोट छापने और फिर उसको सप्लाई करना शुरू कर दिया. जाली नोट छापने के लिए स्पेशल स्याही इन्होंने कई वेबसाइट सर्च करने के बाद ढूंढी थी. इसके अलावा नोट छापने के लिए बढ़िया पेपर और प्रिंटर भी ले आए थे. जाली नोट को यह दोनों आरोपी दिल्ली एनसीआर पंजाब और उत्तर प्रदेश में सप्लाई किया करते थे. पुलिस इन दोनों से पूछताछ कर रही है कि यह दोनों अब तक कितने जाली नोट सप्लाई कर चुके हैं.

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