दिल्ली पुलिस ने एक सेक्सटॉर्शन रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में राजस्थान से आरोपी मुस्तक़ीम को गिरफ्तार किया गया है. द्वारका के डीसीपी हर्षवर्धन के मुताबिक साइबर पुलिस स्टेशन, द्वारका में एक शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था, जिसमें शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसे एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप वीडियो कॉल आया था, जो कि अश्लील था. शिकायतकर्ता ने कुछ देर तक लड़की से बातचीत की और कॉल बंद कर दी. इसके बाद 1 अगस्त 2022 को शिकायतकर्ता को फिर एक शख्स का फोन आया और उसने अपना परिचय पुणे के एसएचओ अरुण रावत के रूप में दिया.
शख्स ने बताया कि एक लड़की ने आत्महत्या कर ली है और उसके कॉल लॉग में आपका मोबाइल नंबर मिला है. उसने बताया कि शिकायतकर्ता पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है और कॉल करने वाले अरुण रावत ने शिकायतकर्ता को पुणे पहुंचने के लिए कहा. इसके अलावा आरोपी ने पीड़ित को एक मोबाइल नंबर दिया और शिकायतकर्ता को एसआई विक्रम राठौर से संपर्क करने के लिए कहा. इस पर शिकायतकर्ता ने दिए गए नंबर पर संपर्क किया, जिसने उन पर अपनी मांगों को पूरा करने के लिए दबाव बनाया.
इस पर शिकायतकर्ता ने आरोपियों के अलग-अलग बैंक खातों में 18 लाख रुपये भेज दिए. इसके अलावा पीड़ित एक दूसरे के मोबाइल नंबर से एक और कॉल आया, जिसने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और उसे मुंबई जाने के लिए कहा. शिकायतकर्ता ने फिर विक्रम राठौर से संपर्क किया और उसने फिर 3 लाख रुपये मांगे. बाद में शिकायतकर्ता ने खुद को ठगा पाया और साइबर पीएस द्वारका से संपर्क किया.
जांच के दौरान सीडीआर और कथित मोबाइल नंबरों का ब्योरा हासिल किया गया. सभी मोबाइल नंबर स्विच ऑफ पाए गए. तकनीकी जांच के बाद राजस्थान के अलवर के रामगढ़ इलाके में छापेमारी की गई और आरोपी को पकड़ लिया गया. आरोपी की पहचान 20 साल के मुस्तक़ीम के तौर पर हुई. आरोपी ने खुलासा किया कि वह ऑनलाइन धोखाधड़ी के एक गिरोह का हिस्सा है, और यह भी खुलासा किया उसने एक आरोपी साहुन से 2600 रुपये में धोखाधड़ी के लिए 13 सिमकार्ड लिए थे. आरोपी साहुन की तलाश की जा रही है.
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