बाहरी जिला दिल्ली पुलिस ने 5 सक्रिय ऑटो लिफ्टरों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है, जो चोरी के वाहनों को लुटेरों और स्नैचर्स को किराए पर दिया करते थे. इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से चोरी के वाहन भी बरामद किए गए हैं. जिनकी कीमत 40 लाख रुपये के करीब बताई जा रही है. पुलिस के अनुसार कुल चोरी के 45 वाहन बरामद किए गए हैं. बाहरी जिले के थाना सुल्तान पूरी की टीम ने कड़ी मशक्त के बाद इस गिरोह का पर्दाफाश किया है.
पुलिस की टीम ने स्नैचिंग और अन्य सड़क अपराधों में युवकों की संलिप्तता की बढ़ती घटनाओं को ध्यान में रखते हुए, क्षेत्र में घूमने वाले युवाओं पर निगरानी रखना शुरू की. स्नैचर ज्यादातर चोरी की मोटर-बाइकों पर अपराध करते हैं. ऐसे में पुलिस की टीम का मुख्य उद्देश्य सक्रिय ऑटो-लिफ्टरों को पकड़ना था. टीम ने पूर्व में शामिल ऑटो-लिफ्टरों के डोजियर पर सावधानीपूर्वक काम किया और जेल से रिहा अपराधियों पर सतर्क नजर रखी. टीम ने ऐसे ऑटो-लिफ्टरों की गतिविधियों के बारे में विवरण प्राप्त करने के लिए गुप्त मुखबिरों को भी तैनात किया. पुलिस ने इसे ऑपरेशन ईगल 3.0 नाम दिया था.
गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने चोरों को पकड़ना शुरू किया. गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने कई खुलासे किए. उन्होंने बताया कि उनका पांच व्यक्तियों का एक गिरोह हैं और उन्हें बिना चाबी के किसी भी बाइक या स्कूटी का ताला तोड़ने में महारत हासिल है. ये सभी पार्क किए गए वाहनों की रेकी करने के लिए दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में घूमते रहते है.
पुलिस ने इस गिरोह के पास से कुल 45 चोरी के वाहन बरामद किए गए. पुलिस टीम आरोपी कबाड़ी विनोद की तलाश में है, जो बड़े पैमाने पर चोरी के वाहनों को खरीदता था और सुल्तान पुरी इलाके में रहता है. उसे पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं और आगे की जांच जारी है.
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