- 1999 में रियाद में मैकेनिक और गार्ड का काम करने वाले दिलशाद ने वहां एक शख्स की हत्या कर दी थी.
- इसके बाद वह भारत भाग आया और फर्जी पहचान पर नया पासपोर्ट बनवाकर कई देश घूमता रहा.
- अब सीबीआई के नए लुकआउट नोटिस पर उसे गिरफ्तार किया गया है. वह यूपी के बिजनौर का रहने वाला है.
सीबीआई ने एक ऐसे आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो 26 साल से फरार चल रहा था. आरोपी का नाम मो. दिलशाद है. उसने 1999 में सऊदी अरब की राजधानी रियाद में हत्या की वारदात को अंजाम दिया था.
मो. दिलशाद साल 1999 में रियाद में एक कंपनी में हेवी मोटर मैकेनिक और सिक्योरिटी गार्ड का काम करता था. उसी दौरान अक्तूबर महीने में उसने वहां पर एक शख्स की हत्या कर दी थी. वारदात के बाद वह भारत भाग आया और तब से 26 साल तक पकड़ से बाहर रहा.
सऊदी अरब की एजेंसियों के अनुरोध पर CBI ने अप्रैल 2022 में यह केस दर्ज किया. जांच में पता चला कि दिलशाद यूपी के बिजनौर का रहने वाला है. उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया, लेकिन दिलशाद बेहद शातिर निकला. उसने फर्जी पहचान पर नया पासपोर्ट बनवा लिया और अलग-अलग नामों से कतर, कुवैत और सऊदी अरब तक की यात्राएं करता रहा.
CBI ने जब टेक्निकल जांच की और खुफिया इनपुट जुटाया तो दिलशाद का नया पासपोर्ट मिला. उसके आधार पर उसके खिलाफ दूसरा लुकआउट नोटिस जारी कराया गया. आखिरकार 11 अगस्त को वह सुरक्षा एजेंसियों के चंगुल में फंस गया. उसे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तर कर लिया गया.
52 साल के दिलशाद को जिस समय गिरफ्तार किया गया, वह मदीना से जेद्दा होते हुए दिल्ली आ रहा था और नकली नाम वाला पासपोर्ट का इस्तेमाल कर रहा था. दिलशाद इस समय सऊदी अरब के मदीना में एक कंपनी में हैवी व्हीकल मैकेनिक की नौकरी कर रहा था.
गिरफ्तारी के बाद दिलशाद को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. ये मामला साबित करता है कि भले ही देर हो, लेकिन कानून का शिकंजा जरूर कसता है.