दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि राजधानी के नृशंस हत्याकांड के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला ने अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा का कत्ल करने के बाद खून साफ करने के तरीके गूगल पर सर्च किए थे, और मानव शरीर की संरचना के बारे में विस्तार से पढ़ा था.
दिल्ली पुलिस की पूछताछ से उजागर हुआ है कि आफताब ने श्रद्धा का कत्ल 18 मई को किया था, और बाद में शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाई. आफताब ने पुलिस को बताया कि उसने मानव शरीर की संरचना के बारे में पढ़ा था, ताकि शव के टुकड़े करने में मदद मिल सके.
पुलिस ने कहा कि उन्होंने आफताब के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ज़ब्त कर लिए हैं, और उनकी गहन जांच की जाएगी. उसके उपकरणों और गूगल सर्च हिस्ट्री की जांच और पुष्टि के बाद पुलिस आफताब के इकबालिया बयान को स्थापित कर पाएगी.
दिल्ली पुलिस ने छह महीने पुराने हत्या के मामले को सुलझाने का दावा किया है, और 28-वर्षीय लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वॉकर को बेरहमी से मार डालने, उसके शव के 35 टुकड़े करने और अलग-अलग जगह जाकर उन्हें ठिकाने लगाने के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस के मुताबिक, आरोपी की पहचान आफताब अमीन पूनावाला के तौर पर हुई है, जो मुंबई का रहने वाला है, और उसे शनिवार को श्रद्धा के पिता की शिकायत के आधार पर गिरफ्तार कर पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया.
आफताब और श्रद्धा की मुलाकात एक डेटिंग साइट के ज़रिये हुई थी, और बाद में वे छतरपुर में एक किराये के मकान में एक साथ रहने लगे थे. दिल्ली पुलिस ने श्रद्धा के पिता की शिकायत मिलने के बाद 10 नवंबर को FIR दर्ज की थी.
पुलिस ने कहा कि आफताब ने गूगल पर सर्च करने के बाद कुछ रसायनों की मदद से फर्श से खून के धब्बे साफ किए और खून से सने कपड़ों को ठिकाने लगाया. उसने शव को बाथरूम में रखा और पास ही मौजूद एक दुकान से फ्रिज खरीदकर लाया. बाद में, उसने शव के छोटे-छोटे टुकड़े किए और उन्हें फ्रिज में रखा.
अधिकारियो के अनुसार, श्रद्धा वॉकर भी मुंबई से थी, और आफताब से उसकी मुलाकात मुंबई में ही एक कॉल सेंटर में नौकरी के दौरान हुई थी.
दक्षिण दिल्ली जिले के अतिरिक्त DCP अंकित चौहान ने समाचार एजेंसी ANI को बताया, "दोनों एक डेटिंग ऐप के ज़रिये मुंबई में मिले थे... तीन साल से वे लिव-इन में थे... दिल्ली आने के तुरंत बाद ही श्रद्धा ने आफताब पर शादी के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया था... दोनों का अक्सर झगड़ा होता था, और काबू से बाहर चला जाया करता था... 18 मई को हुई घटना के दौरान आफताब आपा खो बैठा, और श्रद्धा का गला दबा दिया... आरोपी ने हमें बताया कि उसने शव के छोटे-छोटे टुकड़े किए और पास ही मौजूद छतरपुर एन्क्लेव के जंगल वाले इलाके में उन्हें ठिकाने लगाया..." आफताब को गिरफ्तार कर लिया गया है, और तफ्तीश जारी है..."
सूत्रों से समाचार एजेंसी ANI को मिली जानकारी के मुताबिक, आफताब ने कथित तौर पर श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े किए थे, फ्रिज खरीदकर लाया था और टुकड़ों को उसमें रखा था. बाद में, उसने अगले 18 दिन तक शव के उन टुकड़ों को दिल्ली और आसपास के अलग-अलग इलाकों में रात को निकलकर ठिकाने लगाया.
सूत्रों ने यह भी बताया, आफताब रोज़ हर रोज़ उसी कमरे में सोता था, जिसमें उसने श्रद्धा का कत्ल करने के बाद उसके शव के टुकड़े किए थे. शव के टुकड़ों को ठिकाने लगाने के बाद उसने फ्रिज की सफाई भी की थी.
सितंबर में श्रद्धा के मित्र ने उसके परिवार को बताया कि श्रद्धा से ढाई महीने से संपर्क नहीं हो पा रहा है, और उसका मोबाइल नंबर भी स्विच्ड ऑफ आ रहा है. श्रद्धा के परिवार ने भी उसके सोशल मीडिया एकाउंट चेक किए और पाया कि उस अवधि में वहां भी कोई अपडेट नहीं किया गया है.
नवंबर में श्रद्धा के पिता विकास मदन वॉकर, पालघर (महाराष्ट्र) निवासी, मुंबई पुलिस के पास पहुंचे, और गुमशुदगी की रिपोर्ट दरज् करवाई.
शुरुआती तफ्तीश के दौरान श्रद्धा की आखिरी लोकेशन दिल्ली पाई गई, और इसी आधार पर केस को दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया.
श्रद्धा के पिता ने आफताब से श्रद्धा के रिश्तों के बारे में पुलिस को बताया और बेटी की गुमशुदगी में आफताब का हाथ होने का शक ज़ाहिर किया. तफ्तीश के दौरान, पाया गया कि आफताब और श्रद्धा दिल्ली आकर छतरपुर पहाड़ी इलाके में किराये के एक मकान में रहने लगे थे. पुलिस ने तफ्तीश के दौरान ही आफताब को ट्रेस कर उसे गिरफ्तार कर लिया.
पूछताछ के दौरान आफताब ने अपराध कबूल कर लिया, और कहा कि श्रद्धा द्वारा शादी के लिए दबाव डाले की वजह से उनके झगड़े हुआ करते थे.
अधिकारियों के अनुसार, "आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, और महरौली पुलिस थाने में IPC की धारा 302 (हत्या) तथा 201 (अपराध के सबूत मिटाना) के तहत केस दर्ज कर लिया गया है..."
पुलिस ने आफताब के किराये के मकान से कुछ हड्डियां भी बरामद की हैं, और अधिकारियों का कहना है कि शव के बाकी हिस्सों को तलाश करने की कोशिशें जारी हैं.
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