58 करोड़ के डिजिटल अरेस्ट स्कैम में बड़ा खुलासा, हांगकांग, चीन और इंडोनेशिया तक जुड़े तार

डिजिटल ट्रांजेक्शन्स की जांच में अब तक जो IP एड्रेस और एक्सचेंज डिटेल्स सामने आई हैं, उनमें से कई चाइना, हांगकांग और इंडोनेशिया से जुड़े मिले हैं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • महाराष्ट्र साइबर पुलिस की जांच में 58 करोड़ के डिजिटल अरेस्ट का अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन सामने आया
  • गिरोह कमीशन बेस्ड फर्जी केस बनाकर पहले ऑनलाइन भुगतान भारत के बैंक अकाउंट्स में करता था
  • लूटे गए पैसे क्रिप्टो करेंसी में बदलकर हांगकांग, चीन और इंडोनेशिया के वॉलेट्स में ट्रांसफर किए गए थे
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
मुंबई:

भारत में हुए सबसे बड़े डिजिटल अरेस्ट मामले में जहां पर 58 करोड़ रुपए लूट लिए गए. महाराष्ट्र साइबर की जांच में अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन सामने आया है.जांच में खुलासा हुआ है कि इस पूरे रैकेट का पैसा देश से बाहर भेजा गया, और इसके लिंक हांगकांग, चीन और इंडोनेशिया तक मिले हैं. सूत्रों के मुताबिक, यह ट्रांजेक्शन क्रिप्टो करेंसी के जरिए किया गया था. अब तक की जांच में अनुमान है कि करीब 2000 करोड़ रुपए तक का नेटवर्क इसी तरह के डिजिटल फ्रॉड्स से जुड़ा हुआ हो सकता है.

कैसे चलता था पूरा रैकेट?

जांच एजेंसियों के अनुसार, यह गिरोह कमीशन बेस्ड अकाउंट्स के ज़रिए काम करता था. हर फर्जी “डिजिटल अरेस्ट” केस में पीड़ित से ऑनलाइन भुगतान करवाया जाता, जो पहले भारत के बैंक अकाउंट्स में पहुंचता और फिर वहां से तुरंत क्रिप्टो करेंसी में कन्वर्ट करके विदेशी वॉलेट्स में ट्रांसफर कर दिया जाता. सूत्रों के अनुसार यह पूरा नेटवर्क एक साल से ज्यादा वक्त से एक्टिव था. पैसे के ट्रेल को ट्रैक करना मुश्किल है क्योंकि हर ट्रांजेक्शन के बाद क्रिप्टो को तुरंत कई वॉलेट्स में घुमा दिया जाता था.

ये भी पढ़ें: पल्लवी पुरकायस्थ मर्डर केस: हाईकोर्ट ने फांसी की सजा की मांग ठुकराई, गार्ड सज्जाद मुगल की उम्रकैद बरकरार

अंतरराष्ट्रीय लिंक: China से लेकर Indonesia तक

डिजिटल ट्रांजेक्शन्स की जांच में अब तक जो IP एड्रेस और एक्सचेंज डिटेल्स सामने आई हैं, उनमें से कई चाइना, हांगकांग और इंडोनेशिया से जुड़े मिले हैं.

58 करोड़ का केस कैसे खुला?

यह केस तब सामने आया, जब मुंबई में एक कारोबारी ने शिकायत दी कि उसे एक कॉल आई थी जिसमें खुद को CBI अधिकारी बताया गया. उसे धमकाकर ऑनलाइन “जांच में सहयोग” के नाम पर वीडियो कॉल पर रखा गया और कई घंटे तक बातचीत के दौरान उसके अकाउंट से 58 करोड़ रुपए उड़ा लिए गए. मामला जब मुंबई साइबर पुलिस तक पहुंचा, तो जांच में हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ. यह केवल एक केस नहीं, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का हिस्सा है जो पिछले एक साल से देश में लोगों को लूट रहा है.

ये भी पढ़ें : एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी पति राज कुंद्रा के साथ पहुंचीं बॉम्बे हाईकोर्ट, FIR को दी चुनौती, जानें पूरा मामला

Advertisement

मुंबई साइबर पुलिस ने इस केस में कई बैंक अकाउंट्स और डिजिटल वॉलेट्स को ट्रेस किया है. अब इंटरपोल के जरिए इनका डेटा विदेशी एजेंसियों से मंगवाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. सूत्रों के मुताबिक, 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा का वॉल्यूम ऐसे नेटवर्क्स से जुड़ा हो सकता है जो भारत में डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड्स और क्रिप्टो हेराफेरी के जरिए लोगों को निशाना बना रहे हैं.

Featured Video Of The Day
UP Voter List Controversy: CM Yogi की SIR पर बैठक, 2027 Elections पर नजर! | Breaking News