2020 दिल्ली दंगे : दवा की दुकान में आगजनी के मामले में अदालत ने 9 लोगों को किया बरी

अदालत ने कहा कि दो पुलिस अधिकारियों द्वारा पेश सबूत से आरोपी की पहचान साबित नहीं होती और मामले में बचे एक मात्र गवाह कांस्टेबल विपिन की गवाही में ही स्थापित किया गया है वे (आरोपी) भीड़ का हिस्सा थे.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
अदालत ने कहा कि दो पुलिस अधिकारियों द्वारा पेश सबूत से आरोपी की पहचान साबित नहीं होती
नई दिल्ली:

उत्तर पूर्वी दिल्ली में वर्ष 2020 में हुए दंगे के दौरान दंगाइयों द्वारा एक दवा की दुकान जलाने के मामले में आरोपी बनाए गए नौ लोगों को यहां की अदालत ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया. अदालत ने कहा कि आरोपियों की घटनास्थल पर मौजूदगी साबित करने के लिए एकमात्र गवाह अपर्याप्त है और इस प्रकार आरोपी संदेह का लाभ प्राप्त करने के योग्य हैं.
अदालत उन नौ आरोपियों के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रही थी, जिनपर आरोप था कि वे 25 फरवरी 2020 को भगीरथी विहार की मुख्य ब्रिजपुरी रोड पर स्थित दवा की दुकान में आगजनी करने वाली दंगाइयों की भीड़ में शामिल थे.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमचाला ने हाल में दिए गए आदेश में कहा, ‘‘मैं पाता हूं कि आरोपियों पर लगाए गए आरोप आशंका से परे साबित नहीं हुए हैं. इसलिए सभी आरोपियों को इस मामले में लगाए गए आरोपों से बरी किया जाता है.'' न्यायाधीश ने कहा कि यह तथ्य ‘पूरी तरह से साबित हुआ' कि दंगों के दौरान गैर-कानूनी तरीके से भीड़ जुटी, तोड़फोड़ और आगजनी हुई, जिसकी वजह से दुकान को नुकसान पहुंचा. अदालत ने कहा, ‘‘लेकिन आरोपियों की पहचान के लिए शिकायतकर्ता सहित तीन गवाह अभियोजन के पक्ष का समर्थन नहीं करते और उन्हें मुकरा हुआ घोषित किया जाता है.''

अदालत ने कहा कि दो पुलिस अधिकारियों द्वारा पेश सबूत से आरोपी की पहचान साबित नहीं होती और मामले में बचे एक मात्र गवाह कांस्टेबल विपिन की गवाही में ही स्थापित किया गया है वे (आरोपी) भीड़ का हिस्सा थे. अदालत ने रेखांकित किया कि आरोपियों के नाम और अन्य जानकारी जानने के बावजूद कांस्टेबल ने औपचारिक रूप से प्राथमिकी दर्ज कराने में देरी की और अंतत: 20 मार्च 2020 को सूचना दर्ज कराई गई. न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ऐसी परिस्थितियों में आरोपियों को संदेह का लाभ दिया जाता है.''

Advertisement

गौरतलब है कि गोकलपुरी पुलिस थाने के अधिकारियों ने मोहम्मद शहनवाज, मोहम्मद शोएब, शाहरुख, राशिद, अजाद, अशरफ अली, परवेज, मोहम्मद फैसल और राशिद को दंगा करने सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपी बनाया था और अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था.

Advertisement

ये भी पढ़ें-

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
IND VS NZ : New Zealand और India के मैच पर क्या बोले Ajaz patel? सुनिए इस ख़ास बातचीत में
Topics mentioned in this article