"तब यह इकलौता समय था, जब मैं रोया, विश्व कप जीतने के बाद भी नहीं रोया था", गौतम गंभीर ने कहा

इन दिनों गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) एक बार फिर से पूरी मुखरता के साथ एक से बढ़कर एक बयान दे रहे हैं.

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"तब यह इकलौता समय था, जब मैं रोया, विश्व कप जीतने के बाद भी नहीं रोया था", गौतम गंभीर ने कहा
गौतम गंभीर एक बार फिर से मुखरता के साथ बातें कर रहे हैं
नई दिल्ली:

भारत ने अभी तक दो विश्व कप जीते हैं. साल 1983 और 2011 में. और इस साल के आखिर में टीम इंडिया अपनी धरती पर होने वाले फिफ्टी-फिफ्टी विश्व कप को जीतकर खिताबों की  संख्या तीन करने को बेकरार होगी. श्रीलंका के खिलाफ जारी वनडे सीरीज के जरिए एक तरह से तैयारी का आगाज हो चुका है. आखिरी बार जीतने विश्व कप के समय गौतम गंभीर टीम का एक अभिन्न हिस्सा थे, जिन्होंने फाइनल में 97 रनों की बहुत ही अहम पारी खेली थी और उन्होंने विश्व कप से जुड़ी अपनी शुरुआती यादों को स्टार-स्पोर्ट्स चैनल पर कमेंट्री के दौरान कुरेदा. 

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गौतम ने कमेंट्री के दौरान साल 1992 विश्व कप की बात जब राउंड-रॉबिन लीग के तहत खेले गए विश्व कप में भारत नौ टीमों में सातवें नंबर पर रहा था. तब भारत ने केवल दो ही मैच जीते थे और गंभीर ने तब प्रतियोगिता में ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच खेले गए मैच को जीत किया. गंभीर ने कहा कि इस मैच ने मुझे रुला दिया था. भारत इस मैच में सिर्फ एक रन से हार गया था. यह तीन मैचों में उसकी दूसरी हार थी, जबकि एक मैच बारिश से धुल गया था. 

गौतम ने कहा कि मुझे विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला गया मैच याद है, जिसमें भारत एक रन से हार गया था. मुझे याद है कि यह इकलौता समय रहा है, जब में क्रिकेट के लिए रोया क्योंकि भारत सिर्फ एक रन से हार गया था. उसके बाद से मैं करियर में कभी भी नहीं रोया. यहां तक कि विश्व कप जीतने के बाद भी नहीं. 

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पाठकों को बता दें कि उस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बैटिंग करते हुए 9 विकेट पर 237 रन बनाए थे. डीन जोंस ने 108 गेंदों पर 90 रन की पारी खेली थी. भारत के लिए कपिल देव और मनोज  प्रभाकर दोनों ने तीन-तीन विकेट लिए थे, लेकिन बारिश के कारण भारत के कोटे के तीन ओवर कम कर दिए गए थए, लेकिन लक्ष्य से सिर्फ एक ही रन कम हुआ  और जीत के लिए भारत को 236 रन बनाने थे. कप्तान अजहरुद्दीन के 93 रन की पारी के बावजूद भारत यह मैच हार गया था. 

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