रवि शास्त्री की फाइल फोटो
वेलिंगटन: मुंबईया भाषा में ‘खड़ूस'कहे जाने वाले रवि शास्त्री (Ravi Shastri) आम तौर पर जज्बात जाहिर नहीं करते, लेकिन बेसिन रिजर्व पर पहुंचकर वह यादों के गलियारों में चले गए चूंकि इसी मैदान पर 39 साल पहले उन्होंने भारत के लिये पहला टेस्ट खेला था. बड़ी बड़ी आंखों वाले शास्त्री (Ravi Shastri)ने 39 साल पहले 19 वर्ष की उम्र में भारत की 151वें नंबर की टेस्ट कैप पहनी थी. बेसिन रिजर्व पर ठंडी हवाओं के बीच छह फुट लंबे इस युवा क्रिकेटर को तीन स्वेटर पहनने पड़े थे.
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लकड़ी की बेंचों और सफेद ग्रिल की सीमारेखा को निहारते अपनी तस्वीर के साथ शास्त्री ने ट्वीट किया,‘39 वर्ष हो गए. इतिहास खुद को दोहराता है. कल यही दिन, यही मैदान, यही टीम और यही शहर होगा जहां मैने 39 साल पहले पहला टेस्ट खेला था.' उन्होंने कहा,‘ड्रेसिंग रूम अब भी वही है. कुछ नहीं बदला.'
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शास्त्री को दरअसल विकल्प के तौर पर न्यूजीलैंड बुलाया गया था क्योंकि दिलीप दोशी ऑस्ट्रेलिया दौरे पर घायल हो गए थे. उस समय शास्त्री कानपुर में रणजी ट्राफी क्वार्टर फाइनल खेल रहे थे. ‘मिड डे' में छपी खबर के अनुसार शास्त्री को उस गेस्टहाउस के गेटकीपर से अपने चुने जाने की खबर मिली थी जिसमें मुंबई की टीम रह रही थी. मदन लाल जैसे मध्यम तेज गेंदबाजों को घरेलू स्तर पर खेलने वाले शास्त्री ने दसवें नंबर पर उतरकर 19 रन बनाये थे. वहीं, शास्त्री ने अपने पहले ही टेस्ट में गेंदबाजी में भी बखूबी जलवा बिखेरा था. शास्त्री ने पहली बारी में 54 रन देकर तीन और दूसरी पारी में नौ रन देकर तीन विकेट लिए थे.
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भारत वह टेस्ट 62 रन से हार गया, लेकिन शास्त्री अगले 11 साल तक भारत के लिए 80 टेस्ट और 150 वनडे खेले. ओल्ड बेसिन पवेलियन में बैठे या चहलकदमी करते भारतीय टीम के मुख्य कोच अब अपनी टीम से जीत की नयी पटकथा लिखने की उम्मीद कर रहे होंगे.