'उस समय लगा कि मैं विश्व कप बिल्कुल भी नहीं खेल पाऊंगा', केएल राहुल ने किया बुरे वक्त के सच का खुलासा

विश्व कप के अपने पहले ही मैच में भारत को खराब शुरुआत से निकालते हुए उन्होंने 97 रन की पारी खेली. नीदरलैंड के खिलाफ उन्होंने सिर्फ 62 गेंद में शतक जमाया. पूरे टूर्नामेंट में 11 मैचों में 452 रन बनाने के अलावा उन्होंने विकेट के पीछे 15 कैच भी लिये.’

'उस समय लगा कि मैं विश्व कप बिल्कुल भी नहीं खेल पाऊंगा', केएल राहुल ने किया बुरे वक्त के सच का खुलासा

KL Rahul: केएल राहुल के सेंचुरियन में जड़े शतक को कोई नहीं भूल पाएगा

सेंचुरियन:

सर्जरी के बाद एक समय तीन चार सप्ताह वह अपने पैरों पर भी खड़े नहीं हो पा रहे थे और ऐसे समय में भारतीय बल्लेबाज केएल राहुल (KL Rahul) के लिए इस साल वनडे विश्व कप खेलने के बारे में सोचना भी मुश्किल था, लेकिन न केवल उन्होंने टूर्नामेंट में 452 रन बनाकर शानदार वापसी की बल्कि कई मैचों में मेजबान के लिये संकटमोचक भी साबित हुए. सर्जरी के बाद रिहैबिलिटेशन और भारत में इस साल हुए वनडे विश्व कप में प्रदर्शन के बारे में राहुल ने स्टार स्पोटर्स की ‘बिलीव' सीरिज में कहा, ‘वापसी कर दबाव तो था, लेकिन मैं उस समय जीवन के सबसे खराब दौर से गुजर रहा था मानो कुछ और मायने नहीं रखता था.' उन्होंने कहा, ‘इसके आगे सब कुछ छोटा लग रहा था. सर्जरी के बाद पहले तीन चार सप्ताह तो मैं चल भी नहीं पा रहा था. मैं वॉकर का सहारा लेकर चलने लगा तो भी मुझे लगता था कि विश्व कप नहीं खेल सकूंगा. सर्जरी मई में हुई और सर्जन ने कहा कि पांच महीने वापसी नहीं कर सकूंगा. निश्चित तौर पर सीधे विश्व कप खेलने तो नहीं जा सकता था. कुछ मैचों का अभ्यास जरूरी था, लेकिन मैने सोचा कि इसके बारे में सोचकर तनाव नहीं लेना है. जो होगा देखा जाएगा.'

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विश्व कप के अपने पहले ही मैच में भारत को खराब शुरुआत से निकालते हुए उन्होंने 97 रन की पारी खेली. नीदरलैंड के खिलाफ उन्होंने सिर्फ 62 गेंद में शतक जमाया. पूरे टूर्नामेंट में 11 मैचों में 452 रन बनाने के अलावा उन्होंने विकेट के पीछे 15 कैच भी लिये.' भारतीय टीम लगातार दस मैच जीतकर विश्व कप फाइनल में पहुंची थी जहां ऑस्ट्रेलिया ने उसे छह विकेट से हराया.

विश्व कप 2019 में भारत को सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने हराया था. उस टूर्नामेंट के बारे में राहुल ने कहा, ‘हम सभी उस विश्व कप में आत्मविश्वास से भरे थे और हमने सोचा नहीं था कि हम खिताब नहीं जीतेंगे. पहले दौर में हमने कुछ शानदार जीत दर्ज की. कुछ मैचों में खराब प्रदर्शन भी रहा, लेकिन हमने जीत के रास्ते बनाये.' उन्होंने कहा, ‘हमें लगा ही नहीं कि हम हार सकते हैं क्योंकि हम हर चुनौती का सामना करने में कामयाब रहे थे. हम हार के लिये तैयार नहीं थे इसलिये सेमीफाइनल में हार से सभी स्तब्ध थे. सेमीफाइनल में जब रवींद्र जडेजा और महेंद्र सिंह धोनी खेल रहे थे तो लगा कि कोई चमत्कार होगा और हम जीत जाएंगे'

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उन्होंने कहा, ‘लेकिन ऐसा नहीं हुआ.  हार के बाद ड्रेसिंग रूम में सभी काफी जज्बाती हो गए थे. मुझे आज भी याद है क्योंकि इस तरह से सभी को रोते हुए और निराश नहीं देखा था. वह अच्छी याद नहीं है लेकिन हमारे लिये सबक थी.' राहुल ने कहा, ‘आप साल भर कितना भी अच्छा खेलें, लेकिन दस, 15 साल बाद जब हम रिटायर होंगे तो हमारे करियर को रनों या विकेटों या द्विपक्षीय श्रृंखलाओं में मिली जीत से याद नहीं रखा जाएगा. हमें विश्व कप से याद रखा जाएगा. इसलिये हम अगली बार बेहतर करना चाहते थे.'