Sachin Tendulkar: विजयरथ पर सवार भारतीय टीम वर्ल्ड कप में 'सत्ते पे सत्ता' लगा चुकी है और इसने टीम के दिग्गज़ों सहित 125 करोड़ से ज़्यादा फ़ैंस का कॉन्फ़िडेंस चौगुना कर दिया है. मास्टर-ब्लास्टर Sachin Tendulkar ने एक वीडियो संदेश में टीम से कहा कि 2003 में फ़ाइनल तक पहुंची उनकी टीम का एक मंत्र था- 'I Can, We Can'. हर खिलाड़ी को मैच से पहले इसके चार्ट पर साइन करना पड़ता था.
सचिन तेंदुलकर ने ये भी कहा,''श्रीलंका के ख़िलाफ़ आपकी जीत ने मुझे 2003 में टीम इंडिया के सफ़र की याद ताज़ा कर दी. ये टीम के खिलाड़ियों की प्रतिबद्धता के लिए थी.'' मौजूदा टीम में सचिन उसी स्तर का कमिटमेंट देखते हैं. सचिन ने कहा कि टीम इंडिया जो ब्रैंड ऑफ़ क्रिकेट खेल रही है, वो उससे बेहद प्रभावित हैं. उन्होंने टीम को शुभकामनाएं भी दीं कि वो अपना लय बरक़रार रखें और वो हासिल करें जिसकी उनसे उम्मीद की जा रही है.
दरअसल इस टीम में आपसी सौहार्द्र बढ़ाने के लिए बेस्ट फ़ील्डर को इनाम देने की परंपरा निकाली है. हर मैच के बाद टीम इंडिया के फ़ील्डिंग कोच टी दिलीप ड्रेसिंग रूम में खिलाड़ियों को इकट्ठा कर बेस्ट फ़ील्डर के नाम का एलान करते हैं, बेहद रचनात्मक तरीक़े से. लखनऊ में मैच के बाद केएल राहुल के नाम का एलान स्टेडियम की लाइटिंग के सहारे किया गया. तो, वानखेड़े में खुद दिग्गज सचिन तेंदुलकर का वीडियो संदेश आया.
वानखेड़े में बेस्ट फ़ील्डर के नाम का एलान मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने किया- "श्रेयस अय्यर." श्रेयस अय्यर सहित पूरी टीम की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा. टीम की यही एकता दिल को छू जा रही है. श्रेयस अय्यर ने श्रीलंका के ख़िलाफ़ मैच में सबसे ज़्यादा 6 छक्के और 3 चौके लगाकर 56 गेंदों 82 रन बनाये. अपने बल्ले पर उठ रहे सवालों का जवाब दिया, मैच में दो अहम कैच भी लिये और बेस्ट फ़ील्डर के ख़िताब से नवाज़े गए.
श्रेयस अय्यर ने लखनऊ में केएल राहुल को मिले मेडल को अपने नाम कर लिया, ये चल-चसक है, इसे एक के पास नहीं रुकना है. श्रेयस ने धर्मशाला में भी ये मेडल अपने नाम किया था. पुणे में रविंद्र जडेजा इसके हक़दार रहे. कभी स्पाइडर कैम, कभी लाइटिंग तो कभी लेजेंड के सहारे विजेता के नामों का एलान. बेहद दिलचस्प और बहुत क्रिएटिव तरीक़े से. टी.दिलीप का ये तरीक़ा टीम को एक इकाई बनाने में शानदार रोल अहम अदा कर रहा है. जो इसकी अहमियत समझते हैं, वो समझते हैं.
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