यह ख़बर 04 जून, 2013 को प्रकाशित हुई थी

सट्टेबाज़ी मामले में ज़मानत पर छूटे विंदू, कहा- फिक्सिंग से लेना−देना नहीं

खास बातें

  • 25 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत मंजूर करते हुए अदालत ने इन आरोपियों के देश छोड़ने पर रोक लगा दी है, और उनके पासपोर्ट जमा कर लिए गए हैं। इसके अलावा इन सभी को हफ्ते में हर दूसरे दिन क्राइम ब्रांच के समक्ष हाजिरी भी देनी होगी।
मुम्बई:

ज़मानत मिलने के बाद विंदू दारा सिंह जेल से रिहा होकर अपने घर पहुंच गए हैं। रिहाई के बाद विंदू ने कहा कि उन्होंने कभी स्पॉट फ़िक्सिंग नहीं की और न ही कभी किसी क्रिकेटर से बात की।

विंदू ने कहा इस मामले में जितने भी लोग गिरफ़्तार हुए हैं उसमें वह सिर्फ गुरुनाथ मय्यप्पन और प्रेम को जानते हैं।

विंदू ने महेंद्र सिंह धोनी की पत्नी साक्षी के साथ स्टेडियम में बैठकर मैच देखने पर भी सफाई दी।

विंदू ने यह बयान ज़मानत मिलने के बाद दिया। इसके पहले मुंबई की किला कोर्ट ने विंदू दारा सिंह और गुरुनाथ मय्यप्पन को कुछ शर्तों के साथ मंगलवार को ज़मानत दे दी।

25 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत मंजूर करते हुए अदालत ने इन आरोपियों के देश छोड़ने पर रोक लगा दी है, और उनके पासपोर्ट जमा कर लिए गए हैं। इसके अलावा इन सभी को हफ्ते में हर दूसरे दिन क्राइम ब्रांच के समक्ष हाजिरी भी देनी होगी।

मय्यप्पन तथा विंदू के अतिरिक्त जमानत पाने वालों में प्रेम तरनेजा, अल्पेश पटेल, नीरज शाह, अशोक व्यास, रमेश व्यास तथा पांडुरंग कदम शामिल हैं। अदालत ने इन आरोपियों को जमानत दिए जाने पर फैसला सोमवार को सुरक्षित रख लिया था।

उल्लेखनीय है कि मय्यप्पन, विंदू और अन्य आरोपियों को आईपीएल सट्टेबाजी के मामले में गिरफ्तार किया गया है। कोर्ट ने पुलिस की इस दलील को नहीं माना कि यह लोग सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। मुंबई पुलिस कोर्ट में सट्टेबाजी के अलावा स्पॉट फिक्सिंग के मामले को भी साबित नहीं कर पाई और सट्टेबाजी के मामले में जमानत दी जा सकती है।

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अदालत का मत था कि अब इनकी पुलिस हिरासत का कोई औचित्य नहीं है। आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स के 35-वर्षीय प्रमुख मय्यप्पन को आईपीएल सट्टेबाजी स्कैंडल में संलिप्तता के चलते 25 मई की रात को गिरफ्तार किया गया था। सट्टेबाजों के साथ संबंधों के आरोप में 22 मई को गिरफ्तार हुए अभिनेता व टीवी रिएलिटी शो के विजेता विंदू द्वारा मय्यप्पन की ओर से सट्टा लगाने की बात स्वीकार करने पर सबकी नजरें मय्यप्पन पर ही टिकी हुई थीं।