टी20 वर्ल्ड कप 2021 के बाद से भारतीय टीम को सभी फॉर्मेट में कुल 8 कप्तान मिल चुके हैं, जिसमें पूर्व कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) और मौजूदा कप्तान रोहित शर्मा भी शामिल हैं. BCCI की सेलेक्शन कमेटी ने इस साल की शुरुआत में इसका उल्लेख किया था कि वो भविष्य में रोहित शर्मा (Rohit Sharma) के बाद कप्तानी के लिए कुछ खिलाड़ियों को ग्रुम कर रहे हैं. लेकिन कप्तानी में हो रहे लगातार बदलाव के बाद कई दिग्गज और खेल के जानकारों ने आलोचना करने शुरु कर दी. हालांकि बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने इस बात का दो टूक जवाब देते हुए कप्तानी में अब तक हुए बदलाव का बचाव किया है.
जनवरी में टेस्ट फॉर्मेट से कोहली के कप्तानी छोड़ने के कुछ समय बाद रोहित को भारत का सभी फॉर्मेट वाला फूल टाइम कप्तान बना दिया गया. BCCI ने एक बयान में उल्लेख किया था कि केएल राहुल (KL Rahul), ऋषभ पंत (Rishabh Pant) और जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) उन नामों में शामिल हैं जिन्हें टीम प्रबंधन भविष्य की नेतृत्व भूमिका के लिए तैयार करने का लक्ष्य रखेगा.
इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू के दौरान सौरव गांगुली ने इस फैसले को समझाने का प्रयास किया और बताया कि इतने सारे अंतरराष्ट्रीय मैच में शामिल होने की वजह से खिलाड़ियों को आराम दिया जाना बहुत जरूरी है. उन्होंने बचाव करते हुए कहा कि इससे भारत को और अधिक फ्रिंज खिलाड़ियों को अवसर देने में मदद मिलेगी.
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उन्होंने कहा, “रोहित शर्मा अब ऑल-फॉर्मेट कप्तान हैं. और वे इतना खेलते हैं, चोट लगना लाजिमी है और इसलिए उन्हें इंजरी-ब्रेक की जरूरत होती है. इससे यह फायदा होता है कि कई नए खिलाड़ी सामने आए हैं. और हम वेस्टइंडीज और इंग्लैंड में इन नए खिलाड़ियों के साथ जीते. भारत के पास अब 30 खिलाड़ियों का पूल है जो अब कभी भी राष्ट्रीय टीम के लिए खेल सकते हैं.”
इससे पहले आकाश चोपड़ा और पूर्व राष्ट्रीय सेलेक्टर सबा करीम ने इस ट्रेंड के पीछे के लॉजिक पर सवाल उठाए थे.
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