- संजू सैमसन को इस साल टीम इंडिया में विभिन्न बल्लेबाजी पोजीशंस पर खेलने का मौका मिला है
- एशिया कप 2023 के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ दबाव में पांचवें नंबर पर आकर संजू ने अर्द्धशतक बनाया था
- संजू सैमसन को तीन शतकीय पारियों के लिए CEAT के साल के बेस्ट पुरुष बल्लेबाज का पुरस्कार मिला
टीम इंडिया में संजू सैमसन को लेकर जितने प्रयोग इस साल हुए, उतने शायद ही किसी बल्लेबाज के साथ हुए होंगे. ओपनर से लेकर सातवें नंबर पर संजू को जो भी जिम्मेदारी दी गई, केरल के इस बल्लेबाज ने हर पोजीशन पर जी-जान से बैटिंग की और फैन्स की आंखों का तारा बने रहे. पिछले ही हफ्ते दुबई में हुए एशिया कप के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ दबाव भरे माहौल में संजू पांचवें नंबर पर आए जब टीम इंडिया ने अभिषेक शर्मा, कप्तान सूर्यकुमार यादव और उपकप्तान शुभमन गिल के विकेट 20 रनों के अंदर ही गंवा दिए थे. संजू ने टिककर खेलते हुए तिलक वर्मा के साथ अर्द्धशतक से बड़ी पारी खेली और फिर जो शानदार जीत हासिल हुई वो भारतीय क्रिकेट के गौरवशाली इतिहास में दर्ज हो चुका है.
‘तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो..'
संजू को इस साल बतौर ओपनर तीन शतकीय पारी (हैदराबाद, डरबन और जोहानिसबर्ग में) खेलने की वजह से CEAT के साल के बेस्ट पुरुष बैटर के खिताब से नवाजा गया. उसपर उनकी विनम्रता और मुस्कुराहट के साथ दर्द छिपाने की अदा ने सबका दिल छू लिया. विकेटकीपर-बल्लेबाज संजू सैमसन ने मुंबई में आयोजित CEAT क्रिकेट रेटिंग अवार्ड्स 2025 में बोलते हुए कहा, 'जब आप भारतीय जर्सी पहनते हैं, तो आप किसी भी चीज से इनकार नहीं कर सकते. मैंने इसे हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की है, और मैं देश के लिए अपना काम करने पर बहुत गर्व महसूस करता हूं. अगर वे मुझे नंबर नौ पर बल्लेबाजी करने या बाएं हाथ की स्पिन गेंदबाजी करने के लिए कहते हैं, तो मैं खुशी-खुशी ऐसा करूंगा, टीम को जो भी चाहिए.'
‘10 साल में सिर्फ 40 मैच'
संजू मुस्कुराते हुए कहते हैं, 'मैंने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 10 साल पूरे किए हैं, लेकिन उस दौरान केवल 40 मैच खेले हैं. आंकड़े पूरी कहानी नहीं बताते, लेकिन मैं उस व्यक्ति पर गर्व महसूस करता हूं जो मैं बन गया हूं और मैंने जिन चुनौतियों का सामना किया है.'
दरअसल संजू सैमसन ने 2015 से लेकर 2025 तक 49 अंतर्राष्ट्रीय टी-20 मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 148 के शानदार स्ट्राइक रेट से 3 शतक और 3 अर्द्धशतक लगाए हैं. इन सबके बावजूद 30 साल के केरल के इस डैशिंग बैटर-विकेटकीपर को टीम इंडिया के प्लेइंग XI में जगह बनाने के लिए भाग्य पर भरोसा करना पड़ता है. पिछले 12 महीनों की 12 पारियों में 3 शतक और 2 मैन ऑफ़ द मैच अवार्ड के बावजूद संजू के लिए ओपनिंग में जगह बना पाना दूर की कौड़ी लगती है.
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