SL Vs AUS: ऑस्ट्रेलिया को दूसरे टेस्ट मैच में श्रीलंका ने एक पारी और 39 रन से हराकर 2 टेस्ट मैचों की सीरीज को 1-1 की बराबरी करने में सफलता पाई. बता दें कि पहले टेस्ट मैच को ऑस्ट्रेलिया ने 10 विकेट से जीता था. ऐसे में दूसरे टेस्ट में श्रीलंका ने कमाल का खेल दिखाया. खासकर दिनेश चांदीमल और अपना पहला मैच खेल रहे स्पिनर प्रभात जयसूर्या (Who is Prabath Jayasuriya) ने कमाल किया. एक तरफ जहां चांदीमल ने दोहरा शतक लगाकर श्रीलंकाई पारी को 554 रन ले जाने में सफल रहे तो वहीं डेब्यू टेस्ट मुकाबले में जयसूर्या ने 12 विकेट लेकर इस टेस्ट मैच को यादगार बना दिया.
बता दें कि डेब्यू टेस्ट मुकाबले में जयसूर्या ने 12 विकेट लेकर एक खास उपलब्धि भी हासिल की. प्रभात जयसूर्या टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में डेब्यू टेस्ट मैच में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी समीकरण रखने के मामले में दुनिया के चौथे गेंदबाज बने हैं. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गाले टेस्ट मैच में जयसूर्या ने 177 रन देकर कुल 12 विकेट निकाले.
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वैसे, टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में डेब्यू टेस्ट मैच में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी करने वाले गेंदबाज कोई और नहीं बल्कि भारत के नरेंद्र हिरवानी हैं. हिरवानी ने साल 1988 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने डेब्यू टेस्ट मैच में 136 रन देकर 16 विकेट चटकाए थे. दूसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया के बॉब मैसी हैं जिन्होंने डेब्यू टेस्ट मैच में इंग्लैंड के खिलाफ 137 रन देकर 16 विकेट लिए थे. मैसी ने यह कारनामा साल 1972 में किया था. तीसरे नंबर पर इंग्लैंड के फ्रेंडरिक मार्टिन हैं जिनके नाम डेब्यू टेस्ट मैच में 102 रन देकर 12 विकेट लेने का कमाल दर्ज है. मार्टिन ने 1980 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने करियर का पहला टेस्ट मैच खेलकर यह रिकॉर्ड बनाया था.
अब प्रभात जयसू्र्या ने डेब्यू टेस्ट मैच में 177 रन देकर 12 विकेट लिए हैं. इसके अलावा इस मामले में नंबर 5 पर ऑस्ट्रेलिया के जेसन क्रेज़ा (Jason Krejza) हैं जिन्होंने अपने डेब्यू टेस्ट मैच में 358 रन देकर 12 विकेट लिए थे. क्रेजा ने यह कमाल भारत के खिलाफ साल 2008 में टेस्ट मैच खेलकर किया था.
इतना ही नहीं प्रभात जयसूर्या श्रीलंका की ओर से टेस्ट के डेब्यू में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी करने वाले गेंदबाज बन गए हैं. वहीं, डेब्यू टेस्ट में 10 विकेट लेने वाले प्रभात दूसरे श्रीलंकाई गेंदबाज भी बनने का गौरव हासिल किया है. इससे पहले प्रवीण जयविक्रमा ने अपने डेब्यू टेस्ट मैच में 11 विकेट चटकाए थे.
34 साल बाद टेस्ट क्रिकेट में हुआ ऐसा
बता दें कि टेस्ट क्रिकेट में 34 साल बाद ऐसा हुआ है जब किसी गेंदबाज ने अपने डेब्यू टेस्ट मैच की दोनों पारियों में 6 या उससे ज्यादा विकेट लिए हों. आखिरी बार 1988 में हुआ था जब भारत के स्पिनर नरेंद्र हिरवानी ने अपने डेब्यू टेस्ट मैच में पहली पारी में 8 और दूसरी पारी में 8 विकेट लिए थे.
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