PBKS vs CSK: धोनी ने कप्तानी क्या छोड़ी, चेन्नई के माथे पर लग ही गया यह दाग, बैडलक ने बनवा दिया अनचाहा रिकॉर्ड

PBKS vs CSK: चेन्नई के खिलाड़ी मैदान पर उतरे भी नहीं थे कि उससे पहले ही उसके फैंस का मूड बहुत ज्यादा खराब हो गया.

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नई दिल्ली:

एमएस धोनी टीम टीम इंडिया और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) का लकी चार्म कहा जाता रहा है. और कई बार ऐसा देखने को मिला, जब उनके लिए कुछ अटपटे फैसले भारत के लिए एकदम सही साबित हुए. शायद इसी को ही खेल में लक या लकफैक्टर कहा जाता है, लेकिन माही ने जब से चेन्नई की कप्तानी इस सीजन में छोड़ी है, तब से चेन्नई का मैदान पर वह चार्म नहीं दिखा, जो दिखना चाहिए था. हालांकि, हर मैच में बहुत ही जोर-शोर से धोनी-धोनी (MS Dhoni) जरूर गूंजता रहा, लेकिन प्रदर्शन के लिहाज से चेन्नई 10 मैचों के बाद पांचवें नंबर पर बनी हुई है, तो पंजाब के खिलाफ उसे संघर्ष करना पड़ रहा है. इसी बीच धर्मशाला (Dharamshala) में बैडलक के चलते उसके हिस्से में ऐसा अनचाहा रिकॉर्ड आया, जिससे उसके फैंस खासे निराश हैं.

ऐसा कभी-कभी होता है!

इंडियन प्रीमियर लीग में ऐसा अभी तक सिर्फ दो ही बार हुआ है. चेन्नई से पहले राजस्थान इसका शिकार हुआ था, तो रविवार को सीएसके ने उसकी बराबरी कर ली. फैंस दुआ कर रहे हैं कि वह चेन्नई किसी तरह इस मामले में "किंग' बनने से चूक जाए. दरअसल जब बात किसी भी आईपीएल के संस्करण में शुरुआती 11 मैचों में सबसे ज्यादा टॉस हारने की बात आती है, तो अब चेन्नई और राजस्थान संयुक्त रूप से नंबर वन हो गए हैं. राजस्थान साल 2022 में ग्यारह में से दस टॉस हारा था, और अब इस साल चेन्नई रविवार को अपने 11वें मुकाबले में दसवीं बार टॉस हारकर "रेयर क्लब" में शामिल हो गया. 

मुंबई और दिल्ली किसी तरह 10 से बच गए!

मुंबई और दिल्ली भी रेयर क्लब का हिस्सा बनने से बस एक टॉस से बच गए. मुंबई के साथ ऐसा साल 2011 में हुआ, जब यह टीम शुरुआती 11 मैचों में दस बार टॉस हारी, तो वहीं दिल्ली ने साल 2013 में इतने ही मैचों नौ बार टॉस गंवाए, लेकिन कई साल बाद राजस्थान इन दोनों से आगे निकल गया, तो अब चेन्नई के सिर पर शुरुआती 12 मैचों में 11वीं बार टॉस हारने का खतरा मंडरा रहा है. क्या होता है? यह अगले मैच में पता चलेगा. 

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