टीम रोहित ने शनिवार को हैदराबाद के राजीव गांधी स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया को छह विकेट से मात देने के साथ ही सीरीज पर 2-1 से कब्जा कर लिया. निश्चित तौर पर कोच राहुल द्रविड़ और टीम को खासी राहित मिली होगी क्योंकि सीरीज जीत ने आलोचकों का बहुत हद तक शांत कर दिया है. इस जीत के बाद अब भारत को आने वाले बुधवार से दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज खेलनी होगी. ये तीन मुकाबले टी20 विश्व कप (T20 World Cup 2022) से पहले आखिरी मुकाबले हैं. और यही वे मैच हैं जिनके जरिए मैनेजमेंट मेगा इवेंट से पहले उन खामियों को दूर करेगा, जो अभी भी कंगारुओं को मात देने के बाद चिंता का विषय बनी हुई हैं.और वास्तव में अगर मैनेजमेंट ने पांच बड़ी कमियों को समय रहते नहीं सुधारा या समय के साथ इनमें सुधार नहीं हुआ, तो टी20 विश्व कप की खिताबी राह बहुत ही ज्यादा मुश्किल होगी. चलिए बारी-बारी से टीम रोहित की कंगारुओं को पटखनी देने के बावजूद उन शीर्ष 5 कमियों के बारे में जान लें, जिनका जल्द से जल्द सुधरना बहुती ही ज्यादा जरूरी है.
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1. शीर्ष तीन में से दो को चलना अनिवार्य!
कोहली की समस्या खत्म हो गयी, तो रोहित रंग में लौटते दिख रहे हैं, लेकिन केएल राहुल ने खुद को आलोचकों के बीच ला खड़ा किया है. बात सिर्फ केएल राहुल की फॉर्म ही नहीं, बल्कि शीर्ष तीन में से दो का चलना टी20 विश्व कप जीतने के लिहाज से यहां से नियमित रूप से चलना जरूरी है. यह एक एरिया है, जो चिंता का विषय हो चला है.
2. बुमराह का तीखापन नहीं दिखा
बुमराह फिटनेस हासिल कर लौटे जरूर हैं, लेकिन अपने सर्वश्रेष्ठ से दूर दिखे हैं. हैदराबाद में आखिरी टी20 में बुमराह ने चार ओवरों में 50 रन खर्च कर डाले. खेले दो मैचों में उन्होंने छह ही ओवर ही फेंके और 60 रन देकर 1 ही विकेट लिया. यहां खासी चिंता की बात यह है कि उनका इकॉ. रेट 12.16 का रहा. यहां से उम्मीद ही की जा सकती है कि टी20 विश्व कप में भारत का सबसे बड़ा स्टार बॉलर यहां से और बेहतर..और बेहतर होगा
3. भुवनेश्वर को लेकर कड़ा फैसला लेने का समय
सीरीज जीत गया, लेकिन जो एक बड़ा चिंता का विषय सामने खड़ा है, वह भुवनेश्वर कुमार हैं. चिंता की बात यह नहीं है कि भुवनेश्वर ने खेले दो मैच में 13.00 के इकॉ. रेट से सात ओवरों में 91 रन दिए. विकेट उन्हें 1 ही मिला. चिंता की बात यह है कि वह आखिरी ओवरों में तब रन लुटा दे रहे हैं, जब किसी सीनियर गेंदबाज से यह उम्मीद नहीं की जाती. हैदराबाद में भी भुवी ने 3 ओवरों में 39 रन लुटा दिए. यह बात पिछले छह-सात मैचों से हो रही है और यह चिंता की बात है.
4. स्लॉग ओवरों समाधान एक बड़ी चिंता
यह एक और क्षेत्र है, जो भारत के लिए महंगा साबित हो सकता है. बुमराह और भुवनेश्वर की वर्तमान स्थिति सभी के सामने है, तो ऊपर से हर्षल ने खुश बिल्कुल नहीं किया है. हर्षल लौटे और उन्होंने खेले सभी 3 मैचों में 12.37 के औसत से रन लुटाए. विकेट उन्हें 1 ही मिला. कुल मिलाकर भारत के तीनो शीर्ष पेसर आज की तारीख में वैसे नहीं दिख रहे, जैसे दिखने चाहिए. न ही शुरुआत में और न ही स्लॉग ओवरों में. क्या कोई विकल्प है? क्या कोई बदलाव 9 या 10 अक्टूबर तक हो सकता है
5. फील्डिंग और ये छोटे-छोटे पहलू
भारत सीरीज जीत गया, लेकिन फील्डिंग में कुछ कैच टपकाए गए. मैन ऑफ द सीरीज अक्षर पटेल ने कुछ आसान कैच छोड़े, केएल राहुल ने भी छोड़े. और ये ऑस्ट्रेलिया के लंबे मैदानों पर और चैलेंजिंग होगा. वहीं कुछ छोटी-छोटी बातें मतलब एक मैच में दिनेश कार्तिक से पहले अक्षर पटेल को भेजेने जैसी वे बाते हैं, जों विश्व कप की दिशा में आगे बढ़ते हुए तेजी से दुरुस्त करनी होंगी
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