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खास बातें
- एमएस धोनी ने कहा क्रिकेट को अलविदा
- आईपीएल में खेलते रहेंगे MS Dhoni
- इन रिकॉर्डों को तोडना मुश्किल ही नहीं...!!
नई दिल्ली: टीम इंडिया (Team India) के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी. 39 साल के इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने भारत के लिए अपना अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच 10 जुलाई को मैनचेस्टर में वर्ल्ड कप 2019 के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था. वर्ल्डकप विजेता टीम के कप्तान रहे धोनी ने उस मैच में 50 रन बनाए थे. बहरहाल, धोनी (MS Dhoni) ने अपने शानदार वनडे करियर में 350 मैच खेले और 87.56 की औसत से 10,773. अंतरराष्ट्रीय टी-20 क्रिकेट में उन्होंने 98 मैच खेले और 126.13 की जबरदस्त स्ट्राइक रेट से 1,617 रन बनाए. धोनी ने क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप यानी टेस्ट क्रिकेट से दिसंबर 2014 में ही संन्यास ले लिया था. 90 टेस्ट मैचों में उन्होंने 4876 रन बनाए थे जिनमें 6 शतक शामिल रहे और उनका सर्वाधिक स्कोर 224 रन रहा. रांची में जन्मे धोनी ने 2007 से लेकर 2016 तक टीम इंडिया का नेतृत्व किया, जिसके बाद विराट कोहली खेल के तीनों प्रारूपों में कप्तान बनाए गए.
धोनी ने 2008 से लेकर 2014 तक भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी की.क्रिकेट के जुनून वाले इस देश में धोनी ने हर वो चीज हासिल की जो उन्होंने चाहा. जीत के उनके अभूतपूर्व रिकॉर्ड ने दुनिया भर में सुर्खियां बटोरीं और भारत में क्रिकेटरों की कई पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे. वनडे क्रिकेट की बात करें तो धोनी की जीत के रिकॉर्ड का कोई सानी नहीं है और विराट कोहली अब भी उसे तोड़ने की कोशिश में हैं.धोनी दुनिया के एक मात्र कप्तान रहे जिन्होंने आईसीसी टूर्नामेंट के सभी प्रारूपों में जीत दर्ज की. उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने 2007 में वर्ल्ड टी-20, 2011 में वर्ल्ड कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीती.
धोनी की कप्तानी में भारत ने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में पहली बार दुनिया में शीर्ष रैंकिंग हासिल की.‘रांची का यह राजकुमार' हालांकि क्रिकेट के इतिहास में महानतम खिलाड़ियों में अपना नाम दर्ज करा गया है. भारत के लिये उन्होंने 350 वनडे, 90 टेस्ट और 98 टी20 मैच खेले. कैरियर के आखिरी चरण में वह खराब फार्म से जूझते रहे जिससे उनके भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जाती रही.
आंकड़ों से हालांकि धोनी के कैरियर ग्राफ को नहीं आंका जा सकता. धोनी की कप्तानी, मैच के हालात को भांपने की क्षमता और विकेट के पीछे जबर्दस्त चुस्ती ने पूरी दुनिया के क्रिकेटप्रेमियों को दीवाना बना दिया था. वह कभी जोखिम लेने से पीछे नहीं हटे. इसलिये 2007 टी20 विश्व कप का आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा जैसे नये गेंदबाज को दिया जो 2011 वनडे विश्व कप के फाइनल में फार्म में चल रहे युवराज सिंह से पहले बल्लेबाजी के लिये आये. दोनों बार भारत ने खिताब जीता और धोनी देशवासियों के नूरे नजर बन गए. आईपीएल में तीन बार चेन्नई को जिताकर वह ‘थाला' कहलाये.
(इनपुट: भाषा)