खास बातें
- समिति ने टेस्ट क्रिकेट में कुछ बदलावों का सुझाव दिया
- टेस्ट चैंपियनशिप के लिए मानक गेंद के प्रयोग का सुझाव
- समय की बर्बादी रोकने के लिए शॉट क्लॉक की है पक्षधर
लंदन: एमसीसी विश्व क्रिकेट समिति (MCC World Cricket Committee)ने लंबे प्रारूप के क्रिकेट यानी टेस्ट क्रिकेट को दिलचस्प बनाने के लिये कुछ रोचक प्रस्ताव पेश किए हैं. इसमें समय बरबाद होने से रोकने के लिये ‘शाट क्लॉक' (clock-timers) लगाया जाना, शुरुआती विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के लिए मानक गेंद का इस्तेमाल और नो-बॉल के लिये फ्री हिट (free-hits) जैसी सिफारिशें शामिल हैं. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइक गैटिंग की अध्यक्षता वाली समिति ने पिछले हफ्ते बेंगलुरू में हुई बैठक में टेस्ट क्रिकेट के लिये कुछ बदलावों का सुझाव दिया है. इस समिति में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान कप्तान सौरव गांगुली भी शामिल हैं. इन प्रस्तावों को मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने मंगलवार की रात यहां अपनी वेबसाइट पर लगाया है.
गौरतलब है कि पांच दिन के फॉर्मेट में धीमी ओवर गति आमबात हो गई है. इस वजह से फैंस इस फॉर्मेट के क्रिकेट से थोड़ा दूर हो रहे हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए एमसीसी समिति ने ‘'शॉट क्लॉक' (clock-timers) आरंभ करने की जरूरत जताई. एमसीसी ने कहा, ‘जब इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के प्रशंसकों से टेस्ट क्रिकेट में दर्शकों की कम हिस्सेदारी के मुख्य कारकों को पूछा गया तो 25 प्रतिशत प्रशंसकों ने धीमी ओवर गति का जिक्र किया.'
समिति के अनुसार ‘इन देशों में स्पिनर बहुत कम ओवर फेंकते हैं. एक दिन में पूरे 90 ओवर कभी कभार नहीं फेंके जाते, यहां तक कि अतिरिक्त 30 मिनट भी ले लिये जाते हैं. ऐसे में धीमी ओवररेट, खासतौर पर बेवजह समय खराब करने की प्रवृत्ति पर नियत्रण के लिए शॉट क्लॉक जरूरी बनाया जाना चाहिए.' एमसीसी ने कहा, ‘‘वहीं डीआरएस भी देरी के लिये थोड़ा जिम्मेदार है, समिति को लगता है कि खेल की रफ्तार को बढ़ाने के लिये कुछ कदम उठाये जाने चाहिए.' (इनपुट: PTI)
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